सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी के चुनावी रणनीतिकार ,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 सितंबर को बिहार दौरे पर आ रहे हैं. गृहमंत्री अररिया के जोगबनी में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के पास बीएसएफ के आवासीय भवन का उद्घाटन करेंगे, लेकिन उनके दौरे को सीमांचल की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. पिछले एक साल में अमित शाह का यह दूसरी बार बिहार के सीमांचल का दौरा है. इस दौरे से पहले अमित शाह ने 22 सितंबर 2022 को पूर्णिया में जनसभा को संबोधित किया था.
पूर्णिया की रैली से ही उन्होंने बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंक दिया था. माना जा रहा है कि बीजेपी हिंदू वोट बैंक को पोलराइज करने की पुरजोर कोशिश सीमांचल में कर रही है. सीमांचल में किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया चार लोकसभा की सीटें हैं. सीमांचल की राजनीति पर गौर करें तो यहां ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने अपनी ताकत विधानसभा चुनाव में दिखाई थी, लेकिन उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को छोड़ यानी पांच में से चार विधायक राजद में शामिल हो गए. इसबार चुनौती बड़ी है क्योंकि इंडिया गठबंधन बन चूका है.
2019 के लोकसभा चुनाव पर नजर डाले तो किशनगंज को छोड़कर पूर्णिया, कटिहार और अररिया में एनडीए की जीत हुई थी. किशनगंज में कांग्रेस की जीत हुई थी. इस बार बीजेपी के लिए चुनौती है कि वह इन चार सीटों में से कितनी सीट जीत पाती है.2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सात सीटों पर अपनी ताकत दिखाई थी. पूर्णिया, अररिया, फारबिसगंज में बीजेपी के विधायक हैं. मुस्लिम वोट बैंक पर नजर डाले तो किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 67 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. इसके बाद कटिहार में 38 फीसदी, अररिया में 32 फीसदी, पूर्णिया में 30 फीसदी वोटर हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव में -पूर्णिया में जेडीयू के संतोष कुशवाहा ने कांग्रेस के उदय सिंह को हराया था. कटिहार में जेडीयू के दुलाल चंद गोस्वामी ने कांग्रेस के तारिक अनवर को हराया था.- अररिया में बीजेपी के प्रदीप सिंह ने आरजेडी के सरफराज आलम को हराया था.- किशनगंज में कांग्रेस के मो. जावेद ने जेडीयू के महमूद अशरफ को हराया था.