नये साल में झारखंड को मिलेंगे 15 नए आईएएस अफसर, प्रशासनिक व्यवस्था होगी और मजबूत

Rahul K
By Rahul K

सिटी पोस्ट लाइव
रांची ।
झारखंड में नये साल की शुरूआत के साथ ही प्रशासनिक ढांचे को मजबूती मिलने जा रही है। राज्य को 15 नए आईएएस अधिकारी मिलने वाले हैं। इनमें राज्य प्रशासनिक सेवा से नौ और गैर प्रशासनिक सेवा से 6 अधिकारियों को आईएएस संवर्ग में प्रोन्नति दी जानी है। इस फैसले के बाद झारखंड में आईएएस अफसरों की कुल संख्या 173 हो जाएगी। वर्तमान में राज्य में केवल 158 आईएएस अधिकारी कार्यरत हैं, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या 224 है।

इस बार झारखंड प्रशासनिक सेवा से नौ अधिकारियों को आईएएस संवर्ग में प्रोन्नति दी जाएगी। इन अधिकारियों में सुधीर बाड़ा, अनिल कुमार तिर्की, शैल प्रभा कुजूर, संदीप कुमार, पशुपतिनाथ मिश्र, राजकुमार गुप्ता, नीलम लता, सुधीर दास और संजय कुमार के नाम शामिल हैं। इनमें से सात अधिकारियों ने अपने एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जमा कर दिए हैं, जबकि शेष दो अधिकारियों की प्रक्रिया जारी है। गैर प्रशासनिक सेवा से भी होंगे प्रोन्नत:राज्य सरकार ने गैर प्रशासनिक सेवा से कअर संवर्ग में प्रोन्नति के लिए भी प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इन प्रोन्नतियों के लिए नामों की सूची संघ लोक सेवा आयोग को सौंप दी गई है। यह प्रोन्नतियां 2020-21 और 2021-22 के बैकलॉग सहित कुल छह पदों पर की जाएंगी।

यूपीएससी को भेजी गई सूची में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के नाम शामिल हैं। इनमें समाज कल्याण विभाग से सात, शिक्षा विभाग से तीन, पथ निर्माण विभाग से तीन, श्रम विभाग से दो, वाणिज्य कर, स्वास्थ्य, कृषि, जरेडा, कैबिनेट और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (आईपीआरडी) से एक-एक अधिकारी के नाम प्रस्तावित किए गए हैं। गैर प्रशासनिक सेवा से आईएएस संवर्ग में प्रोन्नति पाने वाले संभावित अधिकारियों के नामों में राजेश प्रसाद, सुमंत तिवारी, विकास कुमार, विजय कुमार सिन्हा, प्रीति रानी, एसपी सिन्हा, धनंजय कुमार सिंह, विजय कुमार सिन्हा, आनंद, अलका जायसवाल, शिवेंद्र कुमार, कंचन सिंह, सीता पुष्पा और दीपक सहाय का नाम शामिल है।

प्रशासनिक व्यवस्था को मिलेगी मजबूती: झारखंड में आईएएस अधिकारियों की संख्या में इजाफे से प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की उम्मीद है। वर्तमान में राज्य में कअर अधिकारियों की कमी के कारण कई जिलों और विभागों में प्रशासनिक कार्यों पर अतिरिक्त दबाव देखा जा रहा था। नई प्रोन्नतियों के बाद यह समस्या काफी हद तक दूर हो सकेगी। नये वर्ष की शुरूआत में झारखंड को ये प्रोन्नतियां राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों के लिए एक सकारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही हैं।

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