सिटी पोस्ट लाइव :बेतिया राज की 15221 एकड़ जमीन पर राज्य सरकार का स्वामित्व हो गया है. 26 नवंबर को विधानमंडल के दोनों सदनों में विधेयक पारित किया गया था .अब सरकार ने बेतिया राज की जमीन पर बसे लोगों के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार इस जमीन पर पहले से बसे लोगों को तत्काल बेदखल नहीं करेगी. उचित दस्तावेज के आधार पर जमीन का उपयोग कर रहे लोगों को सरकार रियायत देगी.इसके लिए अलग से कानूनी प्रक्रिया का पालन हो रहा है.भूमि राजस्व मंत्री डॉ. जायसवाल ने कहा कि जमीन के बड़े हिस्से पर अवैध अतिक्रमण है. इसे मुक्त कराना हमारी पहली प्राथमिकता होगी.
विधेयक में बेतिया राज एस्टेट की जमीन को सार्वजनिक स्वामित्व में लाने का प्रस्ताव किया गया था, जो अब कानून बन गया है. मंत्री ने कहा कि इस जमीन का उपयोग सार्वजनिक विकास के लिए किया जाएगा. इससे कई विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी.मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, स्टेडियम और खेल के मैदान जैसे सार्वजनिक उपयोग लिए निर्माण में इसका उपयोग होगा. उन्होंने कहा कि सरकार बेतिया राज की जमीन का विस्तृत विवरण जल्द ही जारी करेगी. इसमें जमीन का खाता, खेसरा और रकबा के अलावा यह भी बताया जाएगा कि अभी स्वामित्व की क्या स्थिति है.
राज्य सरकार जमीन पर दावे की जांच के लिए संबंधित जिलों में विशेष पदाधिकारी नियुक्त करेगी. अधिसूचना जारी होने के दो महीने के भीतर लोग विशेष पदाधिकारी के समक्ष दस्तावेजों के साथ अपना दावा पेश कर सकेंगे.सरकार की योजना है कि दावा आपत्ति दायर करने के तीन महीने बाद मामले का निष्पादन कर दिया जाए. डॉ. जायसवाल ने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा किसी को बेघर करने की नहीं है.