Bihar Politics:
सिटी पोस्ट लाइव : दिल्ली चुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस पार्टी को बिहार चुनाव में आरजेडी द्वारा कम भाव दिए जाने का डर सता रहा है .चुनाव को लेकर कांग्रेस नये सिरे से पार्टी को खड़ा करने में जुट गई है. एक महीने में राहुल गांधी दो बार बिहार दौरे पर आ चुके हैं. 20 फरवरी से बिहार कांग्रेस के नये प्रभारी कृष्णा अल्लावरु बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर पटना पहुंचेंगे. अब 22 फरवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार में बक्सर के दौरे पर आ रहे हैं.
बिहार कांग्रेस के नये प्रभारी कृष्णा अल्लावरु कांग्रेस के नेताओं से प्रदेश में सांगठनिक मामलों पर विमर्श करेंगे. आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में कांग्रेस की स्थिति पर भी पार्टी के भीतर मंथन करेंगे और रणनीति पर प्रदेश के नेताओं से चर्चा करेंगे. मल्लिकार्जुन खड़गे 22 फरवरी को बक्सर में पार्टी की ओर से आयोजित, ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ कार्यक्रम में शामिल होंगे. साफ है कि कांग्रेस अपने पुराने कोर दलित वोट को अपनी ओर फिर आकर्षित करने की कवायद में जुट गई है. मल्लिकार्जुन खड़गे को भी दलित चेहरे के तौर पर कांग्रेस प्रचारित करती रही है और अब उनका बिहार दौरा और उनका एजेंडा भी खास संदेश देता है. राजनीति के जानकार राहुल गांधी की बिहार को लेकर नई राजनीतिक रणनीति से जोड़कर भी देख रहे हैं.
कांग्रेस के नये प्रभारी कृष्णा अल्लावरु राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं. उनके आने से बिहार कांग्रेस में नया जोश देखने को मिल सकता है. कृष्णा अल्लावरु के बिहार आने को लेकर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की बातों से भी कांग्रेस की नई रणनीति का इशारा मिलता है. अखिलेश सिंह ने कृष्णा अल्लावरु के बिहार आने पर कहा कि बिहार कांग्रेस के नये प्रभारी के स्वागत की तैयारी की जा रही है. कांग्रेस को मजबूती करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. अखिलेश सिंह ने कहा कि बिहार विधान सभा में कांग्रेस लोकसभा के चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है.कांग्रेस पिछले विधान सभा चुनाव में 70 सीटों पर लदी थी.लेकिन वह केवल 19 सीटें जीत पाई.आरजेडी इसबार कांग्रेस की सीटों में कटौती का संकेत दे चूका है.लेकिन 70 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने को कांग्रेस तैयार नहीं है.
बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट आरजेडी के स्ट्राइक रेट से बेहतर रहा है. कांग्रेस ने 9 लोकसभा सीटों में से 3 संसदीय सीटों पर विजय प्राप्त की थी. अपररोक्ष रूप से पूर्णिया में निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की सीट को भी वह अपना ही मानती है. कांग्रेस, आरजेडी की सीट की ओर इशार करते हुए 22 सीटों में महज 4 सीटों के जीतने को लेकर भी कई बार संकेत कर चुकी है. जाहिर है कांग्रेस की मंशा समझी जा सकती है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में कैसी दावेदारी करने वाली है.कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बीते 18 जनवरी को बिहार दौरे पर आए थे और उन्होंने संविधान बचाओ कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इस कार्यक्रम में उन्होंने बिहार में जातिगत गणना को झूठा करार देते हुए बेवकूफ बनाने वाला बताया था. जाहिर तौर पर ऐसा कहते हुए उन्होंने सीधे तौर पर तेजस्वी यादव की सरकार में शामिल रहने के दौरान उनकी गिनाई जाने वाली उपलब्धियों पर सीधा हमला कर दिया था. जाति गणना पर सवाल खड़े कर राहुल गांधी ने आरजेडी को टेंशन में डाल दिया था, जिससे आरजेडी के नेता थोड़े असहज दिखने लगे थे.
राहुल गांधी फिर दलित नेता जगलाल चौधरी के जयंती समारोह में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे थे. यहां उन्होंने फिर अपने कोर वेट दलितों पर फोकस किया. मुस्लिम वोट को लेकर भी कांग्रेस पार्टी संजीदा दिखती है और हाल में ही दिल्ली चुनाव में हार के बाद कटिहार से कांग्रेस के मुस्लिम सांसद तारिक अनवर की मांग पर बिहार में सांगठनिक बदलाव की मांग कर चुके हैं. कृष्णा अल्लावरु के बिहार प्रभारी बनने के बाद बिहार कांग्रेस में प्रदेश स्तरीय सांगठनिक बदलाव की भी उम्मीद की जा रही है. लालू यादव के यह कहने पर की ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेता बनाया जाए, कांग्रेस को अच्छा नहीं लगा था. इसके बाद भी राहुल गांधी के बिहार दौरे के दौरान उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात भी की थी. जानकारी यह आई कि विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे पर भी बात हुई. लेकिन, सीटों की शेयरिंग पर क्या बात हुई इसको लेकर कोई खास अब तक सामने नहीं आया है. दूसरी ओर कांग्रेस अपनी लकीर खींचने की कोशिश कर रही है.