सिटी पोस्ट लाइव : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट को बिहार के संदर्भ में एक चुनावी बजट करार दिया गया. एनडीए नेता बजट में बिहार की बल्ले-बल्ले होने का दावा कर रहे हैं.लेकिन विपक्ष इसे हवा हवाई बजट बता रहा है.बिहार ने क्या मांगा और मिला क्या? और जो मिला धरातल पर उसकी सच्चाई क्या है? बजट के अनुसार मखाना के उत्पादन , प्रसंस्करण, मूल्य संवर्द्धन और विपणन में सुधार के लिए राज्य में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी.आईआईटी, पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता का विस्तार किया जाएगा.बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की सुविधा दी जाएगी. ये पटना एयरपोर्ट की क्षमता के विस्तार और बिहटा में ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट के अतिरिक्त होंगे.
पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले बड़ी संख्या में किसानों को लाभ होगा.यह संस्थान समूचे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को मजबूती प्रदान करेगा. यह संस्थान किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर उनकी आय में बढ़ोत्तरी करेगा और साथ ही युवाओं के लिए हुनर, उद्यमिता और रोजगार प्राप्त करने के अवसर पैदा करेगा.लेकिन बिहार को क्या क्या नहीं मिला जिसे बिहार सरकार ने माँगा था..नीतीश सरकार की उम्मीद थी कि बाढ़ की त्रासदी से निजात लिए राज्य को 13000 करोड़ मिलेगा. पर इस बजट में बिहार को निराशा मिली.उम्मीद यह भी थी कि दरभंगा एयरपोर्ट को इंटरनेशनल बनाया जाएगा ताकि यहां के उत्पाद को विदेश के बाजारों तक ले जाने में मदद मिले.लेकिन ऐसा नहीं हुआ.सिल्क सिटी के नाम से मशहूर भागलपुर को भी उम्मीद थी कि इस बार तोहफा में एयरपोर्ट मिलेगा.नहीं मिला.नालंदा में बढ़ते पर्यटकों की संख्या को देखते राज्य सरकार को उम्मीद थी कि इस बार नालंदा को एयरपोर्ट मिलेगा पर यह भी नहीं मिला.
मिथिलांचल वासी मानते है कि मखाना बोर्ड का फायदा तो होगा लेकिन इस से ज्यादा बेहतर होता कि मखाना के सही दाम और बाजार की व्यवस्था की दिशा में वृहद कार्यक्रम तैयार किए जाते. बोर्ड का गठन तो पहले भी था। पर बंद ही रहा. इस बजट में पहले से कार्य चल रहे और पटना और बिहटा को भी शामिल कर लिया है. नया ग्रीन फील्ड कहां बनेगा इसकी कोई जानकारी नहीं है.आईआईटी विस्तार से लोकल छात्रों को क्या फायदा? नामांकन तो मेरिट से होता है. ये सच है कि बिहार के लिए कम यह मिथिलांचल के लिए ज्यादा बजट लगता है. मखाना बोर्ड की बात करें तो यह मिथिलांचल के 25 हजार रजिस्टर्ड किसानों के लिए फायदेमंद होगा. पश्चिमी कोशी नहर परियोजना का लाभ भी मिथिलांचल को मिलेगा.दरअसल, इस बजट के सहारे केंद्र सरकार ने मिथिलांचल को साधने की कोशिश की है.