पश्चिम बंगाल में दिखाई दे रहा है बांग्लादेश में उथल-पुथल का बड़ा असर.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : बांग्लादेश की 94 प्रतिशत सीमा भारत से लगती है. भारत और बांग्लादेश के बीच 4,367 किलोमीटर लैंड बॉर्डर है और यह बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा का 94 फ़ीसदी है.इनमें से बांग्लादेश की 2216 किलोमीटर सीमा भारत के पश्चिम बंगाल से लगती है.,ऐसे में बांग्लादेश में किसी भी किस्म की अस्थिरता होती है तो उसका सीधा असर पश्चिम बंगाल पर पड़ता है.अगर आधुनिक राष्ट्र-राज्य की सरहद की लकीर से हटकर देखें तो पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में कई स्तरों पर समानता है. दोनों के बीच भाषायी और सांस्कृतिक समानताएं तो जगज़ाहिर हैं.

बांग्लादेश को ‘इंडिया लॉक्ड कंट्री’ कहा जाता है. सीमाई इलाक़ों में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच बेटी-रोटी का भी संबंध है. बांग्लादेश में क़रीब आठ फ़ीसदी हिन्दू आबादी है और पश्चिम बंगाल में क़रीब 27 फ़ीसदी मुसलमान हैं. ऐसे में सरहद के दोनों तरफ़ किसी भी किस्म के सांप्रदायिक तनाव का भी सीधा असर एक दूसरे पर पड़ता है.इस साल अगस्त महीने में शेख़ हसीना को सत्ता छोड़कर जब भारत आना पड़ा तो बांग्लादेश में धार्मिक रूप से अल्पसंख्यकों पर हमले के आरोप लगे.भारत ने आधिकारिक रूप से कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अपने यहाँ हिन्दुओं समेत अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. हालांकि बांग्लादेश ने अल्पसंख्यकों पर हमले के आरोप को ख़ारिज कर दिया और इसे प्रॉपेगैंडा बताया.

दोनों देशों के आरोप-प्रत्यारोप और बांग्लादेश में जारी सियासी उथल-पुथल का असर पश्चिम बंगाल की राजनीति में साफ़ दिखा.पश्चिम बंगाल की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी काफ़ी आक्रामक दिखी. बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों ने कोलकाता में बांग्लादेश के उप-उच्चायोग के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया.वहीं त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश के उप-उच्चायोग में तो लोग घुस गए और वहां तोड़फोड़ की. बांग्लादेश ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी.दोनों देशों के बीच पनपे अविश्वास का असर पश्चिम बंगाल में साफ़ महसूस किया जा सकता है. पिछले महीने बांग्लादेश के चटगाँव में इस्कॉन मंदिर से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ़्तार किया गया था.

इस गिरफ़्तारी के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुभेंदू अधिकारी ने धमकी देते हुए कहा था कि अगर चिन्मय कृष्ण दास को रिहा नहीं किया गया तो पेत्रापोल के ज़रिए भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले कारोबार को बंद करवा देंगे.वहीं पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने भी कहा कि भारत अगर चाहे तो बांग्लादेश को आर्थिक रूप से गहरी चोट दे सकता है.घोष ने कहा था, ”भारत ने बांग्लादेश से संबंध इसलिए नहीं तोड़े हैं क्योंकि दोनों देशों का ऐतिहासिक रिश्ता रहा है. अगर बांग्लादेश में इसी तरह से अत्याचार जारी रहा तो अंततः बांग्लादेश की स्थिरता और पूरी अर्थव्यवस्था को नुक़सान होगा.”

बांग्लादेश को लेकर पश्चिम बंगाल में बीजेपी की आक्रामकता को देखते हुए वहाँ की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा कि केंद्र सरकार बांग्लादेश में हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराए. यहां तक कि मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों की तैनाती की मांग कर दी.बांग्लादेश के लोगों के लिए कोलकाता सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल रहा है. लेकिन पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश से भारत आने वालों की संख्या घटी है.पिछले साल जुलाई और अगस्त महीने की तुलना में इस साल इन्हीं दो महीनों में बांग्लादेश से भारत आने वाले पर्यटकों की तादाद में क्रमशः 20.26% और 38.08% की गिरावट आई है.कोलकाता की ‘मार्कस स्ट्रीट’ का इलाक़ा करोबार का बड़ा केंद्र है. यहां बांग्लादेश के लोग भी बड़ी संख्या में ख़रीदारी करने आते थे. लेकिन दोनों देशों में बढ़े अविश्वास के कारण यहां के कारोबार पर सीधा असर पड़ा है.

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