नीतीश कुमार पोस्टर के बाद बैकफूट पर बीजेपी, नीतीश ..नीतीश करने लगे नेता.

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सिटी पोस्ट लाइव : नीतीश कुमार की चुप्पी ने बीजेपी की बेचैनी बढ़ा दी है. बीजेपी बिहार से लेकर दिल्ली तक सफाई देने में जुटी है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा.नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होगें. गौरतलब है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने को लेकर अमित शाह के टालमटोल वाले दिए गये बयान के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपने आपको किनारा कर लिया है. वो बीजेपी नेताओं के साथ नजर नहीं आ रहे हैं. कोई बयान नहीं दे रहे हैं. लेकिन उनकी पार्टी बीजेपी को बैकफूट पर धकेलने के अभियान में जुट गई है.

‘नीतीश सबके हैं’. इस स्लोगन के साथ कुछ वर्ष पूर्व पटना में नीतीश कुमार के लगे पोस्टर ने बीजेपी को डरा दिया था. बीजेपी का डर सही साबित हुआ. नीतीश कुमार बीजेपी को छोड़ आरजेडी के साथ चले गये. अब एक बार फिर से अगले वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर आनाकानी दिखाई तो फिर से शहर में नीतीश कुमार के पोस्टर नजर आने लगे हैं. फिर से ‘नीतीश मतलब सबकी स्वीकार्यता’ वाले पोस्टर शहर में लग चुके हैं. मतलब साफ़ है अगर नीतीश कुमार के नाम पर किसी ने ना-नुकर की तो उनकी स्वीकार्यता सब जगह है. नीतीश के पोस्टर के संदेश से बीजेपी बैकफूट पर नजर आ रही है. अब उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने की बात कहने लगी है.

इसको लेकर जदयू के इस संदेश का असर भी तुरंत दिखा और अब भाजपा नीतीश के नेतृत्व में चुनाव में उतरने की बातें करने लगी.  नीतीश कुमार के  नेतृत्व में बिहार में NDA चुनाव लडेगा या नहीं इसको लेकर गृह मंत्री अमित शाह और उनके बाद  बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के बयान को लेकर जेडीयू की चिंता बढ़ गई. नीतीश के एनडीए से अलग होने की तैयारी की खबरें सामने आने लगीं. जेडीयू ने पोस्टर जारी कर अपने लिए रास्ते खुले रहने वाला संदेश बीजेपी को दे दिया. 22 जनवरी को जेडीयू  द्वारा जारी पोस्टर में लिखा है- ‘जब बात बिहार की हो, नाम सिर्फ नीतीश कुमार का हो’.

 जेडीयू ने अब एक और पोस्टर जारी कर दिया कि ‘नीतीश मतलब सबकी स्वीकार्यता, नीतीश मतलब बिहार का विकास, नीतीश मतलब नौकरी और रोजगार, नीतीश मतलब सामाजिक सुरक्षा की गारंटी, नीतीश मतलब सर्वोत्तम विकल्प इसलिए तो 2025 फिर से नीतीश. ‘पोस्टर और उसके ऊपर लिखे स्लोगन का असर दिखने लगा है. दिल्ली से लेकर पटना तक बीजेपी के नेता सफाई देते नजर आ रहे हैं. नीतीश कुमार ही नेता होगें. नीतीश कुमार ही सीएम होगें. लेकिन नीतीश कुमार ने अभीतक चुप्पी नहीं तोड़ी है. हरबार वो नए साल में मकर संक्रांति के दिन या उसके बाद बड़े फैसले लेते हैं. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार क्या करते हैं.

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