सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव नीतीश कुमार के में कहते हैं कि उनके पेट में दांत हैं.नीतीश कुमार कब क्या करेगें कोई नहीं जनता. दूसरा, नीतीश जिसे ऊपर चढ़ाते हैं, उसे कब गिरा देगें कोई नहीं जानता.’चने के झाड़’ पर चढ़ाकर धोबिया पछाड़ देने के लिए जाने जाते हैं.,जो उनके करीब होता है वह उतना ही दूर चला जाता है. जार्ज फर्नांडीज, शरद यादव और आरसीपी सिंह के बाद नीतीश कुमार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वेच्छिक अवकाश लेकर राजनीति में आए मनीष वर्मा के साथ यही सलूक किया है.
आरसीपी सिंह की तरह ही मनीष वर्मा को नीतीश कुमार अपने साथ लाए. ओड़िशा कैडर से आईएएस अफसर मनीष वर्मा बिहार आए, नीतीश कुमार के चहते अफसरों में रहे. जब उनके ओड़िशा लौटने की बारी आई तो नीतीश ने उन्हें इस्तीफा दिला कर जेडीयू में शामिल करा लिया. जल्दी ही उन्हें अपनी पार्टी जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) का राष्ट्रीय महासचिव भी बना दिया. लोग कयास लगाने लगे कि नीतीश के असली सियासी वारिस मनीष ही बनेंगे.
मनीष वर्मा को उन्होंने इतनी छूट दे दी कि आरसीपी सिंह का हश्र जानने के बावजूद वे उनकी ही तरह दरबार सजाने लगे. सुबह और देर रात तक मनीष वर्मा का दरबार गुलजार रहने लगा. इतना ही नहीं, मनीष का प्रस्ताव मान कर नीतीश कुमार ने उन्हें जिलों में कार्यकर्ता समागम आयोजित करने की हरी झंडी दे दी. सितंबर से वे अपने अभियान में जुटे हुए थे. तकरीबन आधे बिहार में उन्होंने कार्यकर्ता समागम कर भी लिया था. कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के उनके अंदाज की तारीफ भी हो रही थी.
मनीष वर्मा भूल गए कि नीतीश कुमार किसी को अपने कद से ऊंचा होता नहीं देखना चाहते. नीतीश कुमार की राजनीति को पंख लगाने वाले जार्ज फर्नांडिस और शरद यादव जैसे लोग जब उनसे मात खा गए तो मनीष वर्मा की क्या बिसात. दूर की छोड़ भी दें तो आरसीपी सिंह ताजा उदाहरण रहे. आरसीपी भी मनीष वर्मा की तरह ही नीतीश कुमार के स्वजातीय और गृह जिले नालंदा के वासिंदा थे. उन्होंने नीतीश से आगे निकलने की कोशिश की तो पटखनी खा गए. आरसीपी आज कहां हैं, यह सबको पता है.
मनीष वर्मा को भी नीतीश कुमार ने उनकी औकात बता दी है. मनीष वर्मा के चल रहे कार्यकर्ता समागम के कार्यक्रम को बीच में ही रोक दिया गया है. नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और मनीष वर्मा बहैसियत राष्ट्रीय महासचिव उनके आवास पर बेखटके आवाजाही करते हैं. इसके बावजूद नीतीश ने उन्हें खुद यात्रा स्थगित करने की बात नहीं बताई. इसके लिए उन्होंने अजीबोगरीब तरीका अपनाया. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की ओर से एक पत्र जारी हुआ है कि मनीष वर्मा के कार्यकर्ता समागम को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है. राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के हवाले से उमेश कुशवाहा ने पत्र जारी किया है.मतलब बहुत बेआबरू होकर ….