नीतीश कुमार के वोट बैंक में सेंधमारी करने में जुटी है BJP, जानिये क्या है प्लान?

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा जंग की फतह को लेकर बीजेपी  बाजी दर बाजी चल रही है.उसके निशाने पर नीतीश कुमार का वोट बैंक है. शिवाजी को कुर्मी फोल्ड में कर एक तरह से नीतीश कुमार के आधार वोट में सेंधमारी की कोशिश भी बीजेपी कर रही है.शिवाजी की  जयंती को बीजेपी ने  इस बार कुर्मी एकता रैली के मंच पर मनाया. बीजेपी ने यह तीर अपने कुर्मी जाति के विधायक कृष्ण कुमार मंटू के कंधे पर रख कर चलाया.मंटू 2010 में अमनौर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू  के विधायक थे. 2020 में ये बीजेपी के टिकेट पर चुनाव लड़े औए विधायक बने.मंटू ने बड़े ही सलीके से शिवाजी की जयंती को सर्वदलीय बनाने की कोशिश भी की. पर मंच से बीजेपी विधायक ने भरपूर निशाना साधा.

यह कोई पहला मौका नहीं है जब बीजेपी  ने कुर्मी, कुशवाहा और कहार के जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की. इसके पहले जनता दल यूनाइटेड से भाजपा में आए शंभु पटेल को राज्यसभा भेजा. लव कुश समीकरण को ध्यान में रख कर राजद से भाजपा में आए भीम सिंह को भी राज्यसभा भेजा. और फिर इस राह पर चलकर भाजपा ने बढ़ा दाव सम्राट चौधरी पर खेल डाला और प्रदेश अध्यक्ष तक बना डाला. यह वह समय था जब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ थे. तब भाजपा सम्राट चौधरी को बतौर मुख्यमंत्री प्रस्तुत भी किया. यह वह समय था जब सम्राट चौधरी ने पगड़ी बांध ली थी और यह संकल्प लिया कि नीतीश कुमार को मुख्यमंती पद से हटाने के बाद पगड़ी खोलेंगे.

लेकिन जब नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा के साथ आ गए तो भाजपा ने रणनीति बदली. लेकिन कुशवाहा मत को ध्यान में रख कर उन्हें उप मुख्यमंत्री बना दिया. एनडीए के प्रारंभ काल में भाजपा कभी भी कुर्मी, कुशवाहा और कहार वोट के लिए पूरी तरह से नीतीश कुमार पर निर्भर रहती थी.लेकिन जब नीतीश कुमार ने गठबंधन धर्म पर आघात कर भाजपा का साथ छोड़ा.तभी से भाजपा ने इन मतों की गोलबंदी हेतु प्रयास करने लगी. इसके लिए भाजपा ने अन्य दलों से आए नेताओं को तरजीह दी. इसी क्रम में शंभु पटेल, भीम सिंह, सम्राट चौधरी और कृष्ण कुमार मंटू जैसे नेताओं को भाजपा में शामिल कराकर नीतीश कुमार के वोट बैंक में सेंधमारी शुरू कर दी थी

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