तिरहुत स्नातक चुनाव: PK की प्रतिष्ठा बचा लेगें विनायक गौतम?

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Tirhut Graduate constituency byelection

सिटी पोस्ट लाइव :  तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव 5 दिसम्बर को होगा. मैदान में 18 उम्मीदवार हैं. 1लाख 54 हजार 828 मतदाता इनके भाग्य का फैसला करेगें. उपचुनाव में 18 उम्मीदवारों के बीच मृत उम्मीदवार राजेश कुमार रौशन भी शामिल हैं जिनका 17 नवंबर को निधन हो गया था. जेडीयू  से अभिषेक कुमार झा, आरजेडी  से गोपी किशन और जन सुराज पार्टी से डा. विनायक गौतम उम्मीदवार हैं. लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है निर्दलीय चुनाव लड़ रहे एलजेपी के नेता राकेश रौशन ने.

तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में 1074401 पुरुष और 475419 महिला मतदाता और  08 थर्ड जेंडर हैं. मतदाताओं में मुजफ्फरपुर में  कुल 67547 मतदाता में पुरुष 22511 महिला 45031और थर्ड जेंडर 05 हैं. सीतामढ़ी में कुल  43000 मतदाता में पुरुष 12185 महिला 30814 और थर्ड जेंडर 01 हैं. वैशाली में कुल 37640 मतदाता हैं. इसमें पुरुष 10992 और महिला 26646 हैं जबकि 2 थर्ड जेंडर हैं. शिवहर में 6641 मतदाताओं में पुरुषों की संख्या 1731 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 4910 हैं. ऐसे में इन चार जिलों में कुल 1लाख 54 हजार 828 मतदाता हैं.

तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में एनडीए की प्रतिष्ठा दांव पर है. यहाँ जेडीयू  से अभिषेक कुमार झा उम्मीदवार हैं. अब तक इस सीट पर जेडीयू  के देवेश चंद्र ठाकुर का कब्जा था जो इस बार सीतामढ़ी से सांसद बने हैं. उनके लोकसभा चुनाव जीतने के कारण ही यहाँ उपचुनाव हो रहा है. 5 दिसम्बर को मतदाताओं द्वारा वरीयता क्रम के आधार पर वोट डाला जायेगा. ऐसे में अगर जेडीयू ये सीट गवां देता है तो उसके लिए बहुत बड़ा झटका होगा.आरजेडी  से गोपी किशन और जन सुराज पार्टी से डा. विनायक गौतम उम्मीदवार हैं. डा. विनायक गौतम पेशे से डॉक्टर हैं और मूल रूप से मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं.

 विनायक गौतम के पिता राम कुमार सिंह तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं . माता डॉ. सुनीति पांडेय एमडीडीएम कॉलेज, मुजफ्फरपुर में प्रिंसिपल रही हैं. ऐसे में इस बार के चुनाव में विनायक गौतम यहाँ बड़ा खेला करने का दावा कर रहे थे. साथ ही फिर से अपने पिता की तरह बिहार विधान परिषद जाने का दावा कर रहे हैं. लेकिन इस सीट को जितने के लिए प्रशांत किशोर ने ऐड़ी छोटी का जोर लगा दिया है.अगर प्रशांत किशोर कामयाब हो जाते हैं तो उनकी पार्टी का मनोबल जो उप-चुनाव में हार से गिर गया था एकबार फिर बढ़ जाएगा .

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