सिटी पोस्ट लाइव : बिहार कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह का अध्यक्ष के रूप में दो साल का कार्यकाल पूरा हो चूका है. अब वे विधानसभा चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं.प्रदेश अध्यक्ष का ध्यान चुनाव के पहले जहां अपनी जमीन मजबूत करने पर है.वो जनता के बीच जाकर उन्हें अपनी नीतियों और कार्यो का ब्योरा की तैयारी में हैं.कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश सिंह 14 जनवरी के बाद बिहार भ्रमण पर निकलने की योजना है. पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि जनता डा. अखिलेश के कार्यो को नजर अंदाज नहीं करेगी. उनके नेतृत्व में सुस्त पड़ी कांग्रेस को एक नई दिशा मिली है. लोकसभा चुनावों में तीन सीटों पर जीत को भी उनकी एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.
रहेअखिलेश सिंह महंगाई और इलेक्ट्रॉल बांड जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करते. स्मार्ट बिजली मीटर के खिलाफ पहली आवाज डॉ. अखिलेश के नेतृत्व में उठाई गई. पहली बार सदाकत आश्रम में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया. इसी कड़ी में अब पार्टी अपने भावी कार्यक्रमों पर जोर लगा रही है ताकि चुनाव में आशा के अनुरूप सफलता प्राप्त की जा सके.अखिलेश सिंह को भी पूरा भरोसा है कि उनके नेत्रित्व में ही बिहार में कांग्रेस विधान सभा चुनाव लडेगी.
अखिलेश सिंह का आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से भी अच्छा संबंध है.वहीं लालू यादव को ज्यादा से ज्यादा सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार कर सकते हैं.अखिलेश सिंह 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.उनका कहना है कि इसबार कांग्रेस ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाएगी.हालांकि प्रदेश कांग्रेस के अंदर भी अध्यक्ष पद को लेकर घमशान की चर्चा है.लेकिन अखिलेश सिंह के दुबारा अध्यक्ष बन जाने की प्रबल संभावना की वजह से खुलकर कोई नेता उनका विरोध नहीं करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.