केन्द्रीय बजट के जरिये बिहार को साधने की कोशिश, मिथिलांचल में NDA को मिलेगा लाभ.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में बिहार को खास मकसद से तवज्जो दी है. इस बजट के जरिये मिथिलांचल को साधने की कोशिश की गई है.मिथिला में  मखाना बोर्ड की स्थापना से मिथिलांचल और सीमांचल के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा. आगामी विधानसभा चुनाव  में एनडीए के लिए संजीवनी साबित हो सकता है. बिहार में विधानसभा चुनाव करीब 9 महीने बाद होने हैं, ऐसे में यह बजट स्पष्ट रूप से राज्य के चुनावी गणित को प्रभावित कर सकता है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश और मनीष तिवारी ने इस बजट को देश का नहीं बल्कि बिहार का बजट बताया है.दरअसल उनको इस बात का अहसास है कि  बिहार और दिल्ली केन्द्रित इस बजट से दिल्ली और  बिहार के वोटरों का झुकाव एनडीए की तरफ होगा. मखाना बोर्ड की स्थापना  से  मिथिलांचल के किसानों को फायदा होगा.पश्चिमी कोसी नहर परियोजना को वित्तीय सहायता से लाखों किसानों को फायदा होगा.ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स का निर्माण से कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.पटना एयरपोर्ट और पटना  आईआईटी का आधुनिकीकरण से बहुत लाभ होगा.नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की स्थापना से खाद्य प्रसंसकरण के क्षेत्र में क्रांति आयेगी.

बिहार में मखाना उत्पादन करने वाले दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, सुपौल और मधेपुरा जिलों  में  एनडीए को  चुनाव में लाभ मिलने की संभावनाएं बढ़ गई है. बजट में केंद्रीय सरकार ने किसानों के हित को लेकर कई घोषणाएं की है. किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी बढ़ा दी गई है.मखाना उत्पादन करने वाले अधिकतर इलाके एनडीए के गढ़ माने जाते हैं, जहां बीजेपी और जेडीयू का मजबूत जनाधार है. मखाना बोर्ड की घोषणा से मिथिलांचल और सीमांचल के 243 विधानसभा सीटों में से कम से कम 30% सीटों पर असर पड़ने की संभावना है. मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्र के कुल 72 विधानसभा सीटों में एनडीए को इसका सीधा फायदा मिल सकता है. विधानसभा चुनाव में एनडीए इन सीटों को आसानी से अपने पाले में जा सकती है क्योंकि इन सीटों पर पहले से भी एनडीए का ही कब्जा है.

बिहार में मखाना उत्पादन को 2022 में जीआई टैग मिला था, और देश का 80% मखाना यहीं पैदा होता है. मखाना बोर्ड के गठन से किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय मतदाता सरकार की विकास योजनाओं को समर्थन दे सकते हैं. मौजूदा एनडीए सांसदों में मधुबनी से अशोक यादव (बीजेपी), सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर (जद-यू), सुपौल से दिलेश्वर कामत (जद-यू), मधेपुरा से दिनेश चंद्र यादव (जद-यू), दरभंगा से गोपाल जी ठाकुर (भाजपा), अररिया से प्रदीप सिंह (भाजपा) और झंझारपुर से रामप्रीत मंडल (जद-यू) शामिल हैं. बिहार में विकास योजनाओं को और गति देने का प्रयास हो रहा है. ऐसे में केन्द्रीय बजट में बिहार को प्राथमिकता देकर चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित करने की  कोशिश की गई है. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए बजट मददगार साबित हो सकता है.यहीं वजह है कि विपक्ष इस बजट से खफा है

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