सिटी पोस्ट लाइव : चुनावी साल में राजनीतिक दलों को कर्पूरी ठाकुर की बहुत याद आ रही है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सामने है.ऐसे में पिछड़ों, दलितों और शोषितों के नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने में सभी दल जुटे हैं.कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर को नीतीश कुमार केंद्र में मंत्री बना चुके हैं. जन सुराज के प्रशांत किशोर कर्पूरी ठाकुर की बहू और पोती को अपने साथ लेकर घूमते नजर आ रहे हैं.प्रशांत किशोर के साथ पुराने समाजवादी नेता देवेन्द्र प्रसाद यादव हैं. जिन्होंने कर्पूरी जी के लिए अपनी विधान सभा की सीट खाली कर दी थी.
तेजस्वी यादव ने इस बीच अपना खेल शुरू कर दिया है. JDU के पूर्व उपाध्यक्ष मंगनी लाल मंडल को तेजस्वी यादव ने RJD में शामिल करा लिया है.मंडल के सहारे तेजस्वी EBC (अति पिछड़ा वर्ग) के वोट बैंक में सेंधमारी करने की कोशिश कर रहे हैं. मंगनी लाल मंडल अति पिछड़ा वर्ग के धानुक जाति से आते हैं. उनका प्रभाव उत्तर बिहार के मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में माना जाता है.वह झंझारपुर से विधायक और सांसद रह चुके हैं. इसी इलाके के फुलपरास में इस बार RJD कर्पूरी जयंती मना रही है. ठाकुर का प्रभाव अब भी EBC में है. जयंती समारोह के बहाने समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में पार्टी अपने को मजबूत करना चाहती है.2020 विधानसभा चुनाव में समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में महागठबंधन का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था. 41 सीटों में से महागठबंधन 13 सीटों पर सिमट गया था.राजद ने 11, मुजफ्फरपुर में कांग्रेस ने एक और समस्तीपुर में CPIM ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी.
बीजेपी ने पिछली बार लोकसभा चुनाव के ऐन मौके पर पिछड़ों,दलितों और शोषितों के नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दे कर चुनावी जंग को अपने पक्ष में करने को एक हद तक कामयाब भी हुई.अब एक बार फिर बिहार विधानसभा चुनाव की बाजी के बीच दो मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हो चले हैं. पहला विकास और दूसरे कर्पूरी ठाकुर. यानी एक तरह से बीजेपी अपने KT यानी कर्पूरी ठाकुर के नाम वाले प्लान को एक्टिव कर चुकी है.हमेशा चुनावी मोड में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी किसी भी मौके पर राजनीतिक लाभ लेने के मौके नहीं छोड़ती. इस बार भी कर्पूरी ठाकुर की विशेष यानी 101वीं जयंती पर भाजपा नेताओं ने जम कर कर्पूरी ठाकुर के कृतित्व का गुणगान किया.