सिटी पोस्ट लाइव :अडानी की वजह से इंडिया गठबंधन में बड़ी दरार सामने आने लगी है. संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में सामूहिक रूप से सदन में मोदी सरकार को घेरने के लिए बनी रणनीति से इंडिया गठबंधन के बीच एक राय नहीं देखी जा रही है.संसद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के अलग अलग सूर नजर आ रहे हैं. अडानी मुद्दे पर कांग्रेस के नेतृत्व में होनेवाले विरोध प्रदर्शन से तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने दुरी बना ली है.
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले लंबे अरसे से अडानी मुद्दे पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे सीधे घेरते रहे हैं. चाहे भारत में चुनावी मंच हो या संसद का पटल या फिर विदेश के दौरे ,हर जगह राहुल के निशाने पर अडानी रहते हैं. इसी को लेकर इस बार भी सदन में कांग्रेस ने अडानी मुद्दे पर हंगामा किया है. इतना ही नहीं ‘इंडिया’ के दलों के साथ मिलकर विरोध भी जताया . लेकिन उसी इंडिया के घटक दलों तृणमूल और समाजवादी पार्टी का साथ कांग्रेस को नहीं मिला.
तृणमूल के सांसदों ने अडानी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन से खुद को अलग रखने का तर्क दिया है कि संसद सत्र का उपयोग बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और केंद्र द्वारा विपक्षी शासित राज्यों के खिलाफ धन आवंटन में कथित भेदभाव के मुद्दों को उठाने के लिए किया जाना चाहिए. यानी सिर्फ अडानी को लेकर संसद में घेरने की प्रवृत्ति को तृणमूल ने नकार दिया. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने अडानी मुद्दे से ज्यादा जरूरी मुद्दा उत्तर प्रदर्श के संभल में हुई हिंसा को माना. इसे लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद लगातार सदन में जोरशोर से अपनी बात रखते रहे. इतना ही नहीं मंगलवार को लोकसभा में अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया.