शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक से हाईकोर्ट का इनकार.

1.70 लाख शिक्षकों की बहाली का है मामला, अगस्त में बीपीएसी लेगा लिखित परीक्षा.

सिटी पोस्ट लाइव : राज्य में 1.70 लाख शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने से पटना हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश के.वी. चंद्रन तथा न्यायमूर्ति पार्थसारथी की खंडपीठ ने सोमवार को प्रभाकर रंजन तथा अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. मामले पर अगली सुनवाई अब 26 अगस्त को होगी.याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि स्कूल शिक्षक रूल 2006, रूल 2008, रूल 2012 और रूल 2020 के तहत नियुक्ति के प्रावधानों को बिना हटाए नया रूल लाया गया है जो गलत है. पूर्व के प्रावधानों के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद और नगरपालिका को था.

 

इन प्रावधानों को हटाए बगैर रूल 2023 लाया गया है जिसके तहत राज्य में बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की बहाली होने जा रही है. याचिकाकर्ताओं ने नियुक्ति पर रोक लगाने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने नहीं माना.कोर्ट में याचिका दायर करने वालों के वकील ने अपनी दलील देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों की बहाली की जो नयी प्रक्रिया शुरू की है वह समानता के सिद्धांत के खिलाफ है. इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश राज्य सरकार को दिया जाए.

 

उन्होंने दलील दी  कि साल 2023 में राज्य सरकार ने नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनाई है. इसके तहत 2006 से 2023 तक बहाल शिक्षकों को परीक्षा में शामिल होना होगा. नई नियमावली के मुताबिक बीपीएससी द्वारा ली जा रही परीक्षा म जो शिक्षक पास होंगे उन्हें सरकारी सेवक का दर्जा मिलेगा, लेकिन जो शिक्षक 2006 से कार्यरत है उन्हें सरकारी सेवक होने का लाभ नहीं मिलेगा.

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