वार्ता के लिए तैयार नहीं है सरकार, गुस्से में शिक्षक.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : नई नियमावली के तहत शिक्षक नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग से विज्ञापन निकल चूका है.दूसरी तरफ शिक्षक आरपार के मूड में हैं. माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह के अनुसार  बार-बार वार्ता का आग्रह करने के बावजूद सरकार उन्हें वार्ता को नहीं बुला रही है. वार्ता नहीं होने से दोनों तरफ तनातनी की स्थिति बनी हुई है. शिक्षक आंदोलन के लिए कभी धरना दे रहे, तो कभी हस्ताक्षर अभियान चला रहे। 80 विधायक शिक्षकों की मांग के साथ हैं.

शिक्षक संघों की मांग है कि सरकार बीपीएससी से परीक्षा लिए बिना नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे. शिक्षक समान कार्य के बदले समान वेतन की भी मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार का कहना है कि बीपीएससी से निकाली गई वेकेंसी के जरिए नियोजित शिक्षक भी राज्य कर्मी बन सकते हैं. एक लाख 70 हजार 461 पदों पर नई वैकेंसी है. इसलिए यह संभव ही नहीं कि सभी नियोजित शिक्षक पास कर भी गए तो राज्य कर्मी नहीं बन सकते. बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या चार लाख के लगभग है.

गौरतलब है कि शिक्षा  सरकार बनाने के खेल में अहम् भूमिका निभाते हैं.पिछले विधान सभा चुनाव में  उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को शिक्षकों का भरपूर समर्थन मिला था.उस समय बतौर नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव ने नियोजन करने की लड़ाई में इनका साथ दिया था. बदले में बड़ी संख्या में शिक्षक और परिजनों ने तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का साथ दिया, लेकिन अब महागठबंधन की पांच पार्टियों की मांग के बावजूद सरकार और शिक्षक संघ के बीच अब तक कोई वार्ता नहीं हो पाई है. इस बीच शिक्षकों ने बड़ा सम्मेलन पटना के आईएमए हॉल में किया था, जिसमें तेजस्वी यादव पर भी वादाखिलाफी करने का आरोप शिक्षकों ने लगाया.

गुरुवार को तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया- ‘कल ही बिहार में एक दिन, एक ही विभाग में 1,70461 शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर विज्ञप्ति जारी हुई है. पुलिस में 75000 भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.’ तेजस्वी यादव ने बिहार राज्य सहकारी बैंक एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के नव नियुक्त सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए. उनके इस ट्वीट पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं.तेजस्वी यादव पर शिक्षकों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं.

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