जांच में EOU को नहीं मिल रहा NTA से सहयोग.

NTA ने भेजा जांच एजेंसी को भेंज आधा-अधूरा जवाब, उठ रहे कई गंभीर सवाल.

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में नीट (यूजी) पेपर लीक मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को परीक्षा संचालन करने वाली एजेंसी एनटीए (नेशनल टेस्टिंग काउंसिल) से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है. ईओयू के दो से तीन रिमाइंडर के बाद एनटीए ने बुधवार की देर रात ई-मेल के जरिए आधा-अधूरा जवाब भेजा है.अब ईओयू एक बार फिर एनटीए को पत्र लिखकर स्पष्ट जवाब मांगने की तैयारी कर रहा है.

नीट की परीक्षा पांच मई को आयोजित की गई थी. पटना में परीक्षा से पहले ही पटना के खेमनीचक समेत आसपास के इलाकों में छात्रों को प्रश्न-पत्र रटवाने का मामला सामने आया था. इसे लेकर बोर्ड कॉलोनी समेत कई इलाकों से चार अभ्यर्थियों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.इस पूरे मामले की प्राथमिकी शास्त्रीनगर थाने में दर्ज की गई थी, जिसके जांच की कमान बाद में ईओयू ने संभाल ली. ईओयू ने इसी पेपर लीक मामले में एनटीए से कई बिंदुओं पर जवाब मांगे थे. परीक्षा संचालन की प्रक्रिया और उसमें प्रमुख भूमिका निभाने वाले पदाधिकारियों की जानकारी भी मांगी गई थी. प्रश्न-पत्र की छपाई से लेकर उसके परीक्षा केंद्रों तक परिवहन आदि की जानकारी भी मांगी गई थी.

 

ईओयू सूत्रों के अनुसार, प्राथमिकी जांच में नीट का प्रश्न-पत्र बिहार से लीक होने की आशंका कम है. संभावना जताई जा रही है कि राजस्थान या हरियाणा से लीक प्रश्न-पत्र वाट्सऐप के माध्यम से बिहार के सॉल्वर गिरोह तक पहुंचा. इसके बाद नीट के परीक्षार्थियों से मोटी राशि में सौदा कर उन्हें परीक्षा से पहले एक निजी स्कूल में जमा कर प्रश्न-पत्र रटवाए गए.राज्य में पिछले एक साल में जितनी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं, उन सभी के तार आपस में जुड़े दिख रहे हैं.

नीट के अलावा, बीपीएससी के द्वारा आयोजित तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा और सिपाही भर्ती परीक्षा से जुड़े सॉल्वर गिरोह के सदस्यों का आपसी कनेक्शन सामने आया है.इस गिरोह के सदस्य बिहार के अलावा, झारखंड, उत्तरप्रदेश, बंगाल, दिल्ली जैसे राज्यों में भी सक्रिय हैं. शिक्षक भर्ती परीक्षा में गिरफ्तार मास्टरमाइंड डॉ. शिव के साथ उसके रिश्तेदारों और सहयोगियों की संलिप्तता नीट पेपर लीक में भी सामने आ रही है.