कल है परमा एकादशी का व्रत, पूजा का  शुभ मुहूर्त .

सिटी पोस्ट लाइव : परमा या परम एकादशी को सभी एकादशी में श्रेष्ठ माना गया हैं. इस बार एकादशी 11 अगस्त को ही सुबह के 7:42 पर शुरू होकर 12 अगस्त के 8:08 तक रहेगा. लेकिन हिंदू धर्म शास्त्र के मुताबिक सूर्योदय का ही मान्य होता है. जिस कारण लोग 12 अगस्त को पुरुषोत्तम एकादशी का व्रत कर पाएंगे.मलमास में दो एकादशी होती हैं, पहली कृष्ण पक्ष में आती है. उसे पुरुषोत्तम या परम एकादशी या पुरुषोत्तमी एकादशी भी कहा जाता है. इसके बाद जो एकादशी आएगी, उसे पद्मिनी या कमला एकादशी भी कहते हैं.

 

वनवास के दौरान भुखमरी झेल रहे पांडवों को भगवान कृष्ण ने  पुरुषोत्तम एकादशी करने की सलाह दी थे.भगवन कृष्ण ने पांडवों को बताया था कि अगर इस एकादशी को व्रत किया जाए तो दरिद्रता समाप्त हो जाएगी.अधिक मास की परमा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है. यह व्रत रखने से भक्तों को शीघ्र ही फल मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से घर में सौभाग्य और समृद्धि आती है. परम एकादशी को कठिन व्रतों में से एक है. कई लोग इस व्रत को निर्जला भी रखते हैं तो कुछ लोग केवल भगवत चरणामृत लेते हैं.

 

परमा एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त शनिवार, 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. जबकि परमा एकादशी का व्रत पारण 13 अगस्त को सुबह 05 बजकर 49 मिनट से सुबह 08 बजकर 19 मिनट तक किया जाएगा.यह पुरुषोत्तम एकादशी अधिक मास मलमास में होने की वजह से  विशेष महत्व रखता है. साल में कुल 24 एकादशी होते हैं लेकिन इनको लेकर 26 हो जाता है.  इस एकादशी में अगर कोई भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा और मन से इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करें, तो निश्चित ही उनके जीवन में सुख शांति वैभव लक्ष्मी एवंकृपा माता लक्ष्मी से मिलती रहेगी.

 

इस व्रत में पांच दिनों तक पंचरात्रि व्रत किया जाता है. भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और दान-दक्षिणा दिया जाता है. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत और पूजा करता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की भी पूजा की जाती है.

Param ekadashi 2023