27 साल से नवरात्र में 21 कलश सीने पर रखकर साधना.

पटना के नए सचिवालय के प्रांगण में स्थित नौलखा मंदिर में बचपन से बाबा नागेश्वर करते आ रहे पूजा.

 

सिटी पोस्ट लाइव : रविवार से शारदीय नवरात्र की शुरूआत  हो गई है.  भक्त अपने अपने अंदाज से माता की भक्ति में 9 दिनों तक लीन रहते हैं.राजधानी पटना में एक ऐसे ही भक्त हैं जो पिछले 26 सालों से अपने सीने पर कलश स्थापित करते आ रहे हैं. इस साल इनका 27वां वर्ष है. इस अनोखी भक्ति की शुरूआत एक कलश से हुई थी लेकिन अब 21 कलशों तक पहुंच गई है. आपको बता दें इन कलशों का वजन करीब 50 किलो होता है.

 

21 कलशों को पिछ्ले 27 सालों से स्थापित करने वाले नागेश्वर बाबा बताते हैं कि 1996 से इस तरह से माता की आराधना करते आ रहे हैं. शुरुआत एक कलश से हुई थी और साल दर साल कलश की संख्या बढ़ती चली गई. कलशों की लंबाई इतनी हो जाती है कि छत के सिलिंग से टकराने लगता है. इसलिए 21 कलशों पर हीं रोक दिया गया है.इस दौरान नागेश्वर बाबा अपने छाती पर 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक 21 कलशों का स्थापना कर निराहार और निर्जला यानि कि अन्न-जल, नित्यक्रिया का त्याग कर ऐसे ही लेटे रहेंगे. इस दौरान बाबा करवट भी नहीं बदलते हैं. आपको बता दें कि इस मंदिर में नागेश्वर बाबा बचपन से मां की सेवा में लगे हुए हैं.

 

पटना के नए सचिवालय के प्रांगण में स्थित नौलखा मंदिर काफी पौराणिक है. यहाँ लोगों के लिए नवरात्रि में विशेष व्यवस्था होती है. पूरे बिहार से भक्त यहां पहुंचते हैं. उनके खाने-पीने के अलावा ठहरने की भी पूरी व्यवस्था होती है. नागेश्वर बाबा बचपन से इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं . हर साल में ही पने सीने पर इन कलशों को स्थापित करते हैं. माता की भक्ति में इतनी शक्ति है कि बिना किसी कष्ट के 9 दिनों तक नागेश्वर बाबा ऐसे ही लेटे रहते हैं. 9 दिनों के बाद जब उठते हैं तो सामान्य लोगों जैसे हीं रहते हैं.

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