अगले 5 महीने शुभ कार्य वर्जित, जानें कब तक रहेगा चतुर्मास .

देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु का शुरू हो गया है निंद्राकाल, जानें कब से शुरू होगा शुभ मुहूर्त .

सिटी पोस्ट लाइव :  देवशयनी एकादशी के दिन 30 जून से चतुर्मास शुरू हो चूका है. भगवान विष्णु का निंद्रकाल शुरू हो गया है. चतुर्मास शुरू होने के बाद से सारे शुभ और मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है.  चतुर्मास 30 जून से शुरू होकर 23 नवंबर को खत्म हो जाएगा. इस बार श्रावण पुरुषोत्तम मास होने की वजह से दो माह तक है, इसलिए चतुर्मास की अवधि 5 माह की होगी. इस दौरान सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे. हिंदू धर्म में चातुर्मास का बहुत अधिक महत्व माना जाता है. चतुर्मास की शुरुआत आषाढ़ माह से शुरू होकर कार्तिक एकादशी के दिन समाप्त हो जाती है.

अब अगले 5 महीने तक  दौरान मुंडन, उपनयन संस्कार, विवाह इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु के शयन काल में मांगलिक कार्य करने से व्यक्ति को उनका आशीर्वाद प्राप्त नहीं हो पाता है और शुभ कार्य में विघ्न उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है, इसलिए मांगलिक कार्य बंद रहते हैं.चातुर्मास के बाद 23 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी रहेगी. इस दिन पुनः जागृत होगी और शुभ मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी. देव उठानी एकादशी पर तुलसी विवाह की मान्यता है. इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है. इस दिन लोग देव दीपावली मनाते हैं तथा बिना मुहूर्त देख विवाह आदि मांगलिक कार्य संपन्न करते हैं.

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