नीतीश को संयोजक बनाने से क्यों डर रही कांग्रेस?

 I.N.D.I.A. गठबंधन में किसी को भी संयोजक  नहीं बनाने का चल रहा है मंथन, जानिये क्या है माजरा?

सिटी पोस्ट लाइव : पटना में 23 जून को पहली और बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को दूसरी बैठक में  बिहार के सीएम नीतीश कुमार को  I.N.D.I.A. गठबंधन का संयोजक बनाए जाने को लेकर अटकलें लगाईं जा रही थीं.लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होनी है.संयोजक को  को लेकर फिर से  चर्चा शुरू हो गई है. लालू यादव ने कहा है कि गठबंधन में एक नहीं, कई संयोजक  बन सकते हैं.इसके बाद  नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से  इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा- मुझे कुछ नहीं बनना है.

सूत्रों की माने तो अब गठबंधन के भीतर किसी को भी संयोजक  नहीं बनाने का मंथन भी चल रहा है. कई सहयोगी पार्टियों का मानना है कि जब भी कोई फैसला लेंगे तो सभी पार्टियां मिलकर लेगी. अभी गठबंधन में संयोजक पद की कोई जरूरत ही नहीं है.बेंगलुरु की बैठक के बाद गठबंधन में 11 कोऑर्डिनेटर बनाए जाने की घोषणा हो चुकी है.घोषणा के अनुसार इनका एक मुख्यालय दिल्ली में होगा. ये गठबंधन की सबसे पावरफुल बॉडी होगी. सीट बंटवारे से लेकर कैंडिडेट चयन तक में इनकी भूमिका होगी. 11 कोऑर्डिनेटर के अलावा हर राज्यों में एक कमेटी बनाने पर विचार किया जा रहा है. इसमें 4-5 सदस्य होंगे. राज्य के हिसाब से इनमें क्षेत्रीय पार्टियों को शामिल किया जाएगा. बिहार में इसके सदस्य आरजेडी, जेडीयू और लेफ्ट पार्टियों के नेता होंगे. इसी तरह महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता शामिल होंगे. स्टेट कमेटी का मुख्य काम कोऑर्डिनेटर कमेटी से समन्वय स्थापित करना होगा.

कोऑर्डिनेटर नहीं बनाने के पीछे पार्टियों का तर्क है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन बिना पीएम कैंडिडेट के चुनाव में उतरेगा. चुनाव के बाद सर्वसम्मति से इस पर फैसला लिया जाएगा. इस स्थिति में नीतीश कुमार को I.N.D.I.A. का कन्विनर बनाया जाता है तो वे गठबंधन का चेहरा हो जाएंगे. विपक्षी पार्टियों को डर है कि मीडिया इसे पीएम नरेंद्र मोदी वर्सेज नीतीश कुमार बना देगी. विपक्षी दल ऐसा कतई नहीं होने देना चाहेंगे.

लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद कांग्रेस राहुल गांधी को विपक्षी दलों के नेता के रूप में प्रोजेक्ट करने में जुटी है. कांग्रेस के बड़े नेता राहुल को पीएम कैंडिडेट भी मान रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसको लेकर बयान दिये हैं. दोनों ने पीएम कैंडिडेट के लिए राहुल गांधी का नाम आगे बढ़ाया है.

दिल्ली में लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी की अकेले में मुलाकात के बाद नीतीश कुमार भी 17 अगस्त को दिल्ली गए थे. सूत्रों के मुताबिक यहां उनकी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मीटिंग प्रस्तावित थी. लेकिन पहले राहुल गांधी के हिमाचल यात्रा के कारण कांग्रेस नेता के साथ उनकी बैठक टली. बाद में अरविंद केजरीवाल से भी उनकी मीटिंग नहीं हो सकी. ऐसे में नीतीश कुमार एम्स में केवल अपने आंख का इलाज कराकर वापस बिहार लौट आए.

I.N.D.I.A. गठबंधन के  मुख्य सूत्रधार नीतीश कुमार हैं. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सबसे पहले उन्होंने ही राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता बनाने की पहल की. वे एक-एक कर कांग्रेस से नाराज चल रही पार्टियां टीएमसी की ममता बनर्जी, आप के अरविंद केजरीवाल समेत पांच राज्यों के नेताओं से मिले. इन्होंने सबसे पहले पटना में विपक्षी दलों की बैठक का नेतृत्व किया. इसी बैठक से उनके संयोजक बनने की चर्चा तेज हुई थी.

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