सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में जमीन सर्वे का काम रूक गया है.बिना तैयारी के जमीन सर्वे कराना सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है.प्रशांत किशोर ने जमीन सर्वे को एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाकर सरकार की नींद उड़ा दी है. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने पूर्णिया में कहा कि बिहार में जमीन के कागजात तैयार करने के लिए लोगों को अब तीन महीने का अतिरिक्त समय मिलेगा. उन्होंने बताया कि जमीन सर्वे के दौरान लोगों को कागजात जुटाने में हो रही परेशानी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.बिहार में 20 अगस्त से जमीन सर्वे का काम चल रहा है. लेकिन कई लोगों ने कागजात संबंधी परेशानियों की शिकायत की थी. इसके समाधान के लिए सरकार ने तीन महीने की अतिरिक्त मोहलत देने का फैसला किया है.विभाग जल्द ही इस बारे में आधिकारिक पत्र जारी करेगा.
भूमि सुधार और राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘हमलोगों ने समझा की जनता को शुरू कागजातन ढूंढने में परेशानी हो रही है. दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘इसके बाद हमने एक फैसला लिया है, एक-दो दिन में पत्र निकाल देंगे. अभी हम तीन महीने उनको कागज ढूंढने का, कागज तैयार करने का पहले समय देंगे.तब हम सर्वे का डिक्लारेशन स्टार्ट कराएंगे. तीन महीने में हम सभी जन प्रतिनिधि के साथ बैठेंगे, बैठकर हम इस बात को समझेंगे। रैयत के साथ भी बैठेंगे, जो जमीन के मालिक है.
जमीन सर्वे में करप्शन की भी बहुत शिकायतें मिल रही थी.दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘अपने विभाग के सभी सीओ (अंचलाधिकारी) को पटना बुलाया, हमने सख्त हिदायत दे दिया है कि अपनी आदत में सुधार लाओ, नहीं तो दिलीप जायसवाल किसी को बख्शने वाला नहीं है. इसके साथ ही विभाग में भी सुधार लाऊंगा. मैं किसी को बख्शने वाला नहीं। जो जमीन के मालिक हैं, उनको भी हम अभी तीन महीने का समय देंगे, ताकि वो कागजात तैयार कर लें.
कैथी लिपि को लेकर मंत्री ने कहा, ‘कैथी लिपि के लिए….क्योंकि एक आदमी उर्दू नहीं जानता है और कैथी नहीं जानता है.जो कैथी जानने वाला है वो कल को दूसरे आदमी से 50 हजार रुपए लेकर गलत पढ़ दे? तो एक आदमी के साथ तो अन्याय हो जाएगा, वो भी एक समस्या थी.अभी हमारे 100 से ज्यादा अधिकारी कैथी लिपि का विशेष ट्रेनिंग ले रहे हैं. रैयत (जमीन मालिक) को गलत नहीं बता दे, इसलिए अ आ इ ई कैथी में कैसा होता है, उसको हम डिस्प्ले (जारी) करेंगे, जिससे कि वो मिला भी ले कि ये आदमी सही कैथी बोल रहा है.’
कभी जमीन सर्वे पर रोक की बात सुनकर आंख तरेरने वाले मंत्री दिलीप जायसवाल यूं ही बैकफुट पर नहीं आये हैं. सत्ताधारी दल के विधायकों ने त्राहिमाम संदेश भेजवाया.अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर माहौल खराब होने की बात कही. इसका नतीजा ये रहा कि एक महीने में ही सरकार को जमीन सर्वे टालने का फैसला लेना पड़ा. ऊपर से रही सही कसर, प्रशांत किशोर की जन सुराज ने पूरी कर दी.राजनीति के जानकारों का मानना है कि अभी तो तीन महीने के लिए सर्वे को रोका गया है आगे चलकर सरकार से इसे विधान सभा चुनाव तक टाल सकती है.