2005 से अबतक नीतीश कुमार ने कब कब मारी पलटी?

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में जनता वोट किसी को दे  सीएम तो नीतीश ही बनेंगे. यह 2005 से हो रहा है. इन वर्षों में लोगों ने BJP,RJD ,CPI-CPM , CPI ML और कांग्रेस को लोगों ने वोट दिया, लेकिन हर बार सरकार नीतीश की ही बनी. बीते 18 वर्षों से चल रही यह परिपाटी 19 वें वर्ष में भी दुहराई जा रही है.अगले कुछ घंटों में  नीतीश बीजेपी के साथ सरकार बनानेवाले हैं. मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार की पारी की शुरुआत 2000 में हुई. सरकार सिर्फ सात दिन चली. उस सरकार को भाजपा, जनता दल और समता पार्टी के अलावा झामुमो और संपूर्ण क्रांति दल का सहयोग मिला था.

 

कम्युनिस्ट विधायक उमाधर प्रसाद सिंह ने नीतीश को वोट देने का भरोसा दिया था, लेकिन विश्वास मत प्राप्त करने से पहले नीतीश विधानसभा से निकल गए. 2003 में समता पार्टी का जनता दल में विलय हो गया. नया दल जदयू बना। 2005 के फरवरी के विधानसभा चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला.लोक जनशक्ति पार्टी के 29 विधायकों के सहयोग के बिना सरकार नहीं बन सकती थी. लोजपा इसके लिए तैयार नहीं हुई. विधानसभा भंग होने से पहले लोजपा के अधिसंख्य विधायक जदयू में चले गए. उस साल नवंबर के विधानसभा चुनाव में जदयू-भाजपा की सरकार बनी. 2010 में भी यही गठबंधन सत्ता में आया. बीच में भाजपा से नीतीश का टकराव हुआ.

 

2013-15 के बीच राजद के कुछ विधायकों ने नीतीश की सरकार का समर्थन किया, जो 2010 का चुनाव नीतीश के विरोध में जीते थे. 2015 के विधानसभा चुनाव में वोटरों ने नीतीश के विरोध में भाजपा को वोट दिया था. 2017 में जब राजद से टकराव हुआ तो भाजपा के विधायक नीतीश के साथ सरकार में शामिल हुए.2020 में राजद, कांग्रेस और वाम दलों ने नीतीश के विरोध में वोट लिया था. मगर, 2022 के अगस्त में नीतीश ने भाजपा से अलग होने की घोषणा की तो राजद, कांग्रेस और वाम दलों के विधायक नीतीश के समर्थन में आ गए.अब एकबार फिर नीतीश कुमार पलटी मार चुके हैं और बीजेपी के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं.

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