सिटी पोस्ट लाइव : ममता बनर्जी से मुलाक़ात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश ने मिशन अपोजिशन को धार देने की बड़ी तैयारी कर ली है. नीतीश कुमार मई महीने में पटना में ऑल पार्टी मीटिंग करने जा रहे हैं.पटना में विपक्ष के नेताओं की एक बड़ी बैठक की तैयारी की जा रही है.इस बैठक के जरिये नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी विरोधियों को एक मंच पर लाने की तैयारी कर रहे हैं.इस बैठक को लेकर विरोधी खेमे बीजेपी में भी हलचल है. हालांकि अभी तारीख तय नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि मई में किसी भी तारीख को ये बैठक बुलाई जा सकती है.
ममता बनर्जी का प्रस्ताव मिलने के बाद नीतीश कुमार अगले महीने कर्नाटक चुनाव के बाद विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक पटना में बुलाने की तैयारी में जुट गए हैं. बैठक का न्यौता तो सभी विपक्षी दलों को भेजा जाएगा, जिनमें कांग्रेस, टीएमसी, सपा, आरजेडी, टीआरएस, टीडीपी और पीडीपी जैसी पार्टियों की भागीदारी पक्की मानी जा रही है. हालांकि इसके पीछे ममता की मंशा यह थी कि कांग्रेस का वर्चस्व विपक्षी एकता पर न रहे. दिल्ली में ऐसी बैठकों का मतलब कांग्रेस का वर्चस्व माना जाता. अपने एक तीर से ममता ने दो निशाने साधे हैं. पहला यह कि पटना में बैठक का संदेश जेपी आंदोलन की तरह जाएगा. दूसरा, कांग्रेस नेताओं को अपनी जमीन छोड़ कर पटना आना पड़ेगा, जिससे बैठक की कामयाबी का श्रेय उन्हें नहीं मिल पाएगा.गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार को ये सलाह दी थी.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को भरोसा है कि पटना में होने वाली बैठक के बाद विपक्षी एकता की मुहिम में तेजी आएगी. 10 मई को कर्नाटक विधानसभा का चुनाव होने के बाद मई में ही कोई तारीख बैठक के लिए तय की जाएगी. नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता की जो मुहिम शुरू की है, उसे लगातार समर्थन मिल रहा है. नीतीश ने हाल ही में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और वाम दलों के सीताराम येचुरी और डी राजा से मुलाकात की थी. उससे पहले सोनिया गांधी से दिल्ली में और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव से वे पटना में मिल चुके हैं.अब विपक्ष की इस बैठक में लालू यादव भी मौजूद रहेगें.लालू यादव आज पटना आ चुके हैं.