‘नीतीश के सियासत की आखिरी कील है ट्रिपल S’.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की जोरदार आहट हर तरफ सुनाई दे रही है. जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने दो अक्टूबर को दल बनने से पहले पटना स्थित जन सुराज कैंप के एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि जन सुराज अभियान दो अक्टूबर को एक राजनीतिक दल बनने जा रहा है. दल का स्थापना कार्यक्रम पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में दोपहर दो बजे होगा. प्रशांत के अनुसार  दो अक्टूबर को पार्टी की स्थापना के दिन जन सुराज के नेता यानी अध्यक्ष, नेतृत्व परिषद और पार्टी के संविधान की घोषणा भी की जाएगी.

 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ट्रिपल S यानी – शराबबंदी, सर्वे (जमीन) और स्मार्ट मीटर नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन की “आखिरी कील” साबित होगा. शराबबंदी सिर्फ कागजों में है.जन सुराज शुरू से ही शराबबंदी के खिलाफ रहा है. उन्होंने जमीन सर्वे के मुद्दे पर कहा कि यह सर्वे गांवों में झगड़े और संघर्ष की वजह बन रहा है.नीतीश सरकार द्वारा किया गया जमीन सर्वे अगले छह महीने में हर घर और गांव में झगड़े का कारण बनेगा, और हाल की घटनाओं ने यह साबित भी कर दिया है.स्मार्ट मीटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने बताया कि जिन उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर का उपयोग शुरू किया है, वे अब इसके खिलाफ हो गए हैं, क्योंकि उनके बिजली बिल में भारी बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने कहा, लोगों के मन में यह धारणा बन गई है कि स्मार्ट मीटर के जरिए उनके बिलों में छेड़छाड़ की जा रही है..

 

 

प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि अगर बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को किसी गांव में खड़ा कर दिया जाए, तो उन्हें 10 लोग भी नहीं पहचान पाएंगे. उन्होंने कहा कि यह वही बीजेपी है, जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है, लेकिन बिहार में उसकी स्थिति दयनीय है. उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी के पास खुद का कोई मजबूत चेहरा नहीं है। नीतीश कुमार के साथ सरकार बनाकर बीजेपी खुद को डुबो रही है. पीके ने कहा कि आज बीजेपी के पास बिहार में कोई स्पष्ट नेतृत्व नहीं है, इसीलिए उन्होंने 43 विधायकों के साथ नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखा है.बीजेपी का वहीँ हश्र होने जा रहा है जो कांग्रेस का हुआ है.

 

प्रशांत किशोर ने कहा कि 2005 के बाद से आरजेडी की कोई ताकत नहीं बची है.राजद और उनके गठबंधन को पिछले कई चुनावों में सफलता नहीं मिली है.उन्होंने कहा “महागठबंधन की एकमात्र जीत भी नीतीश कुमार के चेहरे पर हुई थी, न कि आरजेडी के नाम पर.”उन्होंने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और एनडीए ने 176 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बना रखी है, जबकि आरजेडी के पास मात्र 50 सीटों पर प्रभाव है. उन्होंने दावा किया कि हमारा मुकाबला 176 सीटों वाले एनडीए से है, न कि कमजोर हो चुकी आरजेडी से है.उन्होंने यह भी बताया कि लालू यादव अपने दम पर सिर्फ एक बार चुनाव जीत पाए थे.

PRASHANT KISHOR