टाइगर अभी जिंदा है: संजय झा .

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सिटी पोस्ट लाइव : जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने बिहार को विशेष दर्जा को लेकर  केंद्र की एनडीए सरकार के साथ टकराव पैदा होने की संभावना से इनकार  कर दिया है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पहली बार बिहार पहुंचे राज्यसभा सदस्य झा ने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि उनकी  पार्टी दूसरे राज्यों में भी अपना जनाधार मजबूत करेगी.

संजय झा ने कहा कि   ‘कई लोगों को उम्मीद है कि पिछले सप्ताह पार्टी की ओर से पारित किए गए प्रस्ताव के चलते केंद्र के साथ टकराव होने जा रहा है लेकिन ऐसे लोगों को निराशा होगी.’. झा ने कहा, ‘प्रस्ताव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम मदद चाहते हैं चाहे वह विशेष दर्जे के रूप में हो या विशेष पैकेज के रूप में. प्रधानमंत्री हमारी चिंताओं के प्रति संवेदनशील हैं. अगले पांच साल में बिहार विकसित राज्यों में शामिल होगा और इसके लिए उसे पर्याप्त केंद्रीय सहायता मिलेगी.’

 

संजय झा ने  ‘टाइगर अभी जिंदा है’ का डायलाग दुहराते हुए कहा कि बुजुर्ग हो चुके मुख्यमंत्री ने हाल के लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत साबित की है. ‘मीडिया का एक वर्ग कह रहा था कि नीतीश कुमार का दौर खत्म हो गया, वह उनके नेतृत्व को कम करके आंक रहा था जिसने बिहार की कायापलट की. पहले उसे बिहार को शासन की दृष्टि से कठिन राज्य के रूप में देखा जाता था. चुनाव में उन्हें वास्तविकता पता चली.’जेडीयू ने बिहार में 12 लोकसभा सीट जीती हैं. बीजेपी भाजपा भी राज्य में इतनी ही सीट पर विजय रही. टीडीपी के बाद जेडीयू एनडीए में बीजेपी की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी के रूप में उभरी है.

झा ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 177 में एनडीए आगे रहा. नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में 2010 के अपने रिकॉर्ड से बेहतर करने की आस है. 2010 में हमने विधानसभा में 200 से अधिक सीट जीती थी.’उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा बिहार में नीतीश कुमार के प्रदर्शन को शासन के मॉडल के रूप में पेशकर हम अन्य राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश करेंगे.’ जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘हम झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में तथा दिल्ली एवं पूर्वोत्तर के सुदूर राज्यों में भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं.’

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