सिटी पोस्ट लाइव : देश के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के जन-सुराज अभियान ने बिहार के स्थापित राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ा दी है.प्रशांत किशोर का जन-सुराज अभियान अब पुरे रंग में आ चूका है.2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन जन-सुराज एक राजनीतिक दल का रूप ले लेगा.उसके पहले प्रशांत किशोर की तैयारी जोरशोर से चल रही है.वो लगातार पटना में युवाओं-महिलाओं और अल्पसंख्यक समाज के लोगों के साथ बैठकें कर रहे हैं.हाशिये पर खड़े दुसरे राजनीतिक दलों के साफ़ सुथरी छवि के नेताओं को अपने साथ ला रहे हैं.आज भारत सरकार के पूर्व मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ प्रशांत किशोर के जन-सुराज से जुड़ गये.उन्होंने कहा कि जन-सुराज ही बिहार में एक अच्छा राजनीतिक विकल्प दे सकता है.
आज शाम प्रशांत किशोर ने अल्पसंख्यक समाज के साथ पटना के फुलवारीशरीफ में राजनीतिक मंथन किया.उन्होंने मुसलमानों को ये समझाने की कोशिश किया कि उनके हालात में बदलाव जन-सुराज के जरिये ही आ सकता है.इस कार्यक्रम में सैकड़ों मुस्लिम समाज के बुद्धजीवी और राजनीतिक कार्यकर्त्ता शामिल हुये. मुस्लिम समाज के नेताओं ने माना कि अबतक सभी राजनीतिक दल उनका इस्तेमाल वोट बैंक के रूप में करते रहे हैं.किसी दल ने अबतक उन्हें समुचित राजनीतिक भागेदारी नहीं दी.मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि अब प्रशांत किशोर के रूप में उन्हें एक राजनीतिक विकल्प मिल गया है.
प्रशांत किशोर ने मुस्लिम समाज के लोगों को ये समझाने की कोशिश किया कि उनके हालात में तबतक बदलाव नहीं आएगा जबतक सत्ता के साथ साथ व्यवस्था सञ्चालन में उन्हें समुचित भागेदारी नहीं मिलेगी.नेता बीजेपी का डर दिखाकर उनका वोट लेते रहेगें और उनके बच्चों के लिए कुछ नहीं करेगें.प्रशांत किशोर ने अल्पसंख्यक समाज के लोगों से कहा कि देश के आधे हिन्दू बीजेपी को वोट नहीं देते हैं.उन्हें आपस में जोड़कर और अल्पसंख्यकों को गोलबंद कर बीजेपी को आसानी से हराया जा सकता है.