चौंकानेवाली रिपोर्ट: बिहार के 45 लाख लोग परदेसी.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार में मुखिया नीतीश कुमार के शब्दों में  हमारा स्टेट यानी बिहार लैंड लॉक स्टेट है, इस कारण यहां रोजगार के साधन काफी सीमित हैं . देश के महानगरों खास कर के दिल्ली-मुंबई और चेन्नई के अलावा अन्य औद्योगिक राज्यों-शहरों से आने वाली ट्रेनों में बिहारियों की भीड़ भी ये बताती है कि बिहार में बेरोजगारी का आलम कैसा है. .लेकिन जातीय जनगणना के दौरान प्रवासी बिहारियों और बाहर काम (रोजगार) करने वाले लोगों को लेकर जो आंकड़े आये हैं वो सच में काफी चौंकाने वाले हैं.

बिहार की करीब 13 करोड़ 7 लाख की आबादी में मात्र 3.50 प्रतिशत लोग अन्य राज्य में नौकरियां रोजगार करते हैं.अन्य देश में नौकरी और रोजगार करने वालों का प्रतिशत 0.17 है.बिहार विधानसभा में मंगलवार को यह रिपोर्ट पेश हुई है, जिसमें बताया गया कि बिहार की आबादी में कल 45 लाख 78 हजार 669 लोग यानी आबादी का 3.50 प्रतिशत अन्य राज्यों में नौकरी या रोजगार कर रहे हैं. चौंकाने वाली बात ये  है कि गणना स्थल पर अस्थाई रूप से आवासित बिहार के लोगों की संख्या 12 करोड़ 32 लाख से अधिक बताई गई है, यानी कि कुल आबादी का 94.28 प्रतिशत है.

शिक्षा के लिए प्रदेश के छात्रों के पलायन को लेकर चर्चा बिहार में आम बात है, लेकिन जाति आधारित गणना के आंकड़े बताते हैं कि 13 करोड़ की आबादी में मात्र पांच लाख 52 हजार छात्र ही उच्च शिक्षा के लिए अन्य राज्यों में जाते हैं. अन्य देशों में शिक्षा लेने वालों की कुल आबादी 23,738 के आसपास ही बताई गई है, जो कुल आबादी का 0.02 प्रतिशत के आसपास है.जाहिर है यह आंकड़ा आसानी से किसी के गले नहीं उतरने वाला है.

Caste Census Report