पार्टी में उचित स्थान नहीं मिलने से थे नाराज
सिटी पोस्ट लाइव : एक जमाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी रहे नेता आरसीपी सिंह 2025 में विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी तैयारी कर रहे हैं. आरसीपी सिंह ने बीजेपी छोड़कर अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया .कभी नीतीश कुमार के सबसे ख़ास रणनीतिकार रहे आरसीपी सिंह ने 5 अगस्त 2022 में जेडीयू से इस्तीफा दिया था. जेडीयू छोड़ने के ठीक 9 महीने बाद 11 मई 2023 को दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गये थे.लेकिन एकबार फिर से नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ आ जाने से आरसीपी सिंह हाशिये पर आ गये थे. लेकिन अब एकबार फिर से वो सक्रीय हो गये हैं. वे जल्द ही नई पार्टी की घोषणा करेंगे. इसको लेकर उन्होंने पहले से तैयारी कर ली थी. यही वह वजह है कि समर्थकों की ओर से आरसीपी सिंह की तस्वीर के साथ पटना की सड़कों पर पोस्टर भी लगाए गए हैं.
जेडीयू ने 2022 में RCP SINGH पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. जेडीयू के कार्रवाई का आधार उनकी और उनके घर वालों की संपत्ति में वृद्धि बताई गई थी. दिलचस्प बात यह है कि इनकी संपत्ति का ब्योरा जेडीयू के नेताओं द्वारा जुटाया गया था. उनके अनुसार आरसीपी और उनके घर वालों ने 2013 से 2022 तक नालंदा जिले में सिर्फ दो प्रखंड अस्थवां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी थी. कई और जिलों में भी उनकी संपत्ति होने की बात कही गई थी. पार्टी द्वारा इसे भ्रष्टाचार के मोर्चे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीरो टॉलरेंस नीति के खिलाफ माना था. अपने ही पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ जांच करने और उनसे भ्रष्टाचार संबंधी सवाल जवाब करने वाली जदयू हालिया वर्षों में देश की पहली पार्टी बन गई थी. आरसीपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद आरसीपी सिंह द्वारा सादे कागज पर इस्तीफा दिया गया था.
रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी RCP सिंह 1984 बैच के IAS अधिकारी रह चुके हैं. नीतीश कुमार के स्वजातीय हैं और उनके गृह जिले नालंदा के ही निवासी है. बता दें कि RCP सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी थे. नीतीश जब केंद्र में मंत्री बने तब उन्हें उत्तर प्रदेश से लाकर अपना सचिव बनाया गया. उसके बाद जब बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तो फिर से उन्हें उत्तर प्रदेश बुलाकर अपना प्रधान सचिव बनाया. फिर Nitish Kumar ने जदयू का सुप्रीमो भी RCP को बनाया था, लेकिन बाद में दोनों में दूरियां बढ़ गईं.