सिटी पोस्ट लाइव :दिल्ली में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद पहली बार पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह आज पटना पहुंच रहे हैं. बीजेपी में उनके स्वागत की जोरदारी तैयारी चल रही है. एयरपोर्ट से लेकर पार्टी दफ्तर तक उनके समर्थक और बीजेपी के कार्यकर्ता सिंह के काफिले में शामिल होंगे. आरसीपी सिंह पटना पहुंचते ही जोरदार धमाका करने वाले हैं. वे जेडीयू शिक्षा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. कन्हैया सिंह को उनके समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन कराएंगे.
गौरतलब है कि जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार दूसरे दलों को जोड़ने के काम में जुटे हैं. दूसरी ओर जेडीयू में भगदड़ की स्थिति मची है. उपेंद्र कुशवाहा से इसकी शुरुआत हुई थी. फिर इस कड़ी में आरसीपी सिंह, अजय आलोक, मीना सिंह और सुहेली मेहता जैसे कई नाम जुड़ते गए, अब कन्हैया सिंह को लेकर आरसीपी आ रहे हैं.
आरसीपी सिंह जेडीयू में रहते नीतीश कुमार के बेहद करीबी थे. नीतीश ने उन्हें न सिर्फ राज्यसभा भेजा, बल्कि उससे पहले पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बना दिया. आरसीपी तब से नीतीश कुमार की आंखों की किरकिरी बन गए, जब उन्होंने मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला किया. दरअसल बीजेपी 2019 के चुनाव में जब पूर्ण बहुमत में आई तो उसने सहयोगी दलों को सांकेतिक तौर पर मंत्रिमंडल में एक-एक सीट का प्रावधान किया. नीतीश चूंकि बिहार में बीजेपी के बराबर सीटों पर चुनाव लड़ चुके थे, इसलिए उन्होंने एक बर्थ लेने से मना कर दिया था. उन्होंने तो यह भी घोषणा की थी कि जेडीयू एनडीए का हिस्सा तो रहेगा, लेकिन मंत्रिमंडल में कभी शामिल नहीं होगा.
आरसीपी ने उनकी मर्जी के खिलाफ मंत्रिमंडल में शामिल होने का जोखिम उठाया. नतीजा यह हुआ कि नीतीश ने अगली बार उन्हें राज्यसभा भेजा ही नहीं. बाद में उन्हें निकालने की रणनीति पार्टी ने बनाई, लेकिन आरसीपी ने पहले ही किनारा कर लिया.आरसीपी के करीबी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने जेडीयू को तोड़ने की मुकम्मल तैयारी की है. बताया जा रहा है 2020 के विधानसभा चुनाव के वक्त आरसीपी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। टिकट बंटवारे में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. जेडीयू में तकरीबन 30 विधायक ऐसे हैं, जिनका आरसीपी से निकट का संबंध रहा है. सांसदों में भी आधा दर्जन उनके करीबी हैं.
जेडीयू की बर्बादी के लिए आरसीपी का खेल अब शुरू होने वाला है.आज उसकी एक झलक और देखने को मिलेगी. आरसीपी कुर्मी जाति से आते हैं. नीतीश भी कुर्मी बिरादरी से ही आते हैं. लव-कुश समीकरण में कुश को लेकर उपेंद्र कुशवाहा अलग हो गए तो लव को नीतीश से अपने पाले में करने का प्रयास आरसीपी कर रहे हैं.