नीतीश-लालू की मुलाकात के सियासी मायने!

सिटी पोस्ट लाइव :RJD सुप्रीमो लालू यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल लगातार मिल रहे हैं.कभी नीतीश कुमार लालू यादव से तो कभी लालू यादव नीतीश कुमार से मिलने  पहुँच जा रहे हैं.इस मुलाक़ात के बड़े सियासी मायने हैं.  अगले साल संभावित लोकसभा चुनाव में अभी काफी वक्त है, ऐसे में ईन दो नेताओं के बीच तेज हुए मुलाकात को लेकर मायने निकाले जाने लगे हैं. रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राबड़ी आवास पहुंचे थे, हालांकि इस दिन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात नहीं हो सकी थी. इसके एक दिन के बाद नीतीश कुमार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी आवास पहुंच गए.इस दिन लालू प्रसाद से उनकी मुलाकात हुई और दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई.

 

लेकिन गुरुवार को लालू प्रसाद अचानक मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए और नीतीश कुमार से मुलाकात की. इस दिन भी दोनों नेताओं की अकेले में 30 से 35 मिनट तक बातचीत हुई. इन मुलाकातों के बाद लालू प्रसाद की पार्टी राजद के नेताओं ने शुक्रवार को नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार के लिए सबसे योग्य बताकर सियासत को गर्म कर दिया. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने बुधवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की थी.विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल दलों के नेताओं के तेजी से हुई इन मुलाकातों को लेकर अब मायने निकाले जाने लगे हैं. कहा जा रहा है कि गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तस्वीर साफ नहीं होने के कारण सभी दल पेशोपेश हैं.

सूत्रों का मानना है कि सभी दल चाहते हैं कि सीटों का बंटवारा हो जाए.RJD के  के एक नेता के अनुसार सीट बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. राजद और जदयू भी असमंजस में हैं कि वे कितनी सीटों पर चुनाव लडेंगे.उससे पूर्व चर्चा ये थी कि जेडीयू और आरजेडी ने एक तरह से सीटों को लेकर अपना फॉर्म्युला फिक्स कर लिया है. सियासी जानकारों के मुताबिक लालू यादव कतई नहीं कांग्रेस को 10 सीट देने जा रहे हैं. 32 से 34 सीट जेडीयू और आरजेडी के बीच रहने का अनुमान है. उसके बाद ही किसी की चर्चा होगी, लालू की पार्टी के सूत्रों का कहना है कि बिहार में जेडीयू के विधायक काफी कम हैं. उस हिसाब से सीट का मामला भी तय होगा जबकि JDU अपनी एक भी सिटिंग सीट छोड़ने को तैयार नहीं है.