सिटी पोस्ट लाइव : पटना नगर निगम के सशक्त स्थायी समिति के सदस्य डा. आशीष कुमार सिन्हा और इंद्रदीप चंद्रवंशी ने रविवार को नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन से मिलकर विधानमंडल से नगरपालिका अधिनियम संशोधन प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है. महापौर सीता साहू के अनुसार गजट प्रकाशित हो जाने के बाद नगर निकाय के अधिकार छिन जाएंगे .महापौर को एक झाड़ू खरीदने का अधिकार नहीं रह जाएगा. मंत्री को बताया गया कि संशोधन प्रस्ताव को काला अध्यादेश मानकर 30 जुलाई को होने वाली पटना नगर निगम की बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित किया जाएगा. गजट प्रकाशित होने के बाद राज्य भर के नगर निकाय के मुख्य पार्षद सड़क पर उतरेंगे.
नगरपालिका अधिनियम 27 (बी) की उप धारा दो में संशोधन होने के बाद महापौर के पर्यवेक्षण में नगर आयुक्त कार्य नहीं करेंगे. सीधे नगर आयुक्त प्रशासन चलाएंगे. यह आदेश नगर निकायों के लिए घातक साबित होगा. धारा 52 में एक उप धारा जोड़ी गई है. इससे राज्य सरकार जो निर्णय लेगी, वह नगरपालिका को मानना बाध्यकारी होगा. इस पर भी आपत्ति दर्ज की गई. धारा 60 में कार्यवृत्ति और कार्यवाही का अधिकार महापौर के पास था, संशोधन के बाद यह नगर आयुक्त के पास चला जाएगा.