बिहार में अब होगी नौकरियों की बहार.

नीतीश सरकार करेगी 3 लाख नए पदों पर भर्ती, हर विभाग के खाली पदों का तैयार हो रहा है ब्यौरा.

सिटी पोस्ट लाइव :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी NDA  सरकार में  बड़े पैमाने पर बहाली करने जा रही है.  नीतीश सरकार  सभी विभागों में खाली पदों की पड़ताल में जुट गई है. राज्य में युवाओं को 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने की घोषणा से से ज्यादा पर काम शुरू हो गया है.राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के 46 मिनट के अभिभाषण में इस बात का संकेत सरकार ने दे दिया है. पेपरलेस कार्य संस्कृति को बढ़ावा देते हुए राज्यपाल ने आइ-पैड से सरकार की नीतियों, योजनाओं, कार्यों और उन सब की उपलिब्धयों के बारे में बताया. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थय, कृषि, तकनीकी, महिला सशक्तिकरण और रोजगार के क्षेत्र में तेजी से बढ़ते बिहार के बारे में आंकड़ों के साथ तार्किक ढंग हर पक्ष को रखा.

राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सत्तापक्ष से भाजपा के सदस्यों ने जय श्रीराम के नारे लगाए तो वहीं विपक्ष भी नारेबाजी करने में पीछे नहीं दिखा.अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल ने बड़े संयमित तरीके से नारेबाजी कर रहे सदस्यों को इशारों से शांत करने को भी कहा. राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार न्याय के साथ सभी वर्गों के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है, यही लक्ष्य भी है. युवाओं के लिए बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ-साथ नौकरी व रोजगार के नए पदों का सृजन से लेकर रोजगार के नए-नए अवसर पैदा किए जा रहे हैं. किसानों, श्रमिकों और महिलाओं के हित में कई योजनाएं चलायी जा रही हैं.

राज्यपाल ने राज्य सरकार के सुशासन और कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता की चर्चा की. उन्होंने कहा कि कानून का राज सर्वोच्च सरकार की प्राथमिकता में है. इसलिए कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने और विभिन्न अपराधों की जांच, उससे जुड़े अनुसंधान की गति तेज करने हेतु पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर नियुक्ति व आधारभूत संरचनाओं के विकास पर जोर दिया जा रहा है. 2005 में राज्य में 72 हजार 410 पदों के विरुद्ध 42 हजार 481 पुलिसकर्मी कार्यरत थे. तब सरकार ने कानून व्यवस्था की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए 2 लाख 27 हजार 873 पदों का सृजन किया. वर्तमान में एक लाख 10 हजार पुलिस बल कार्यरत हैं और खाली पदों पर तेजी से नियुक्ति की जा रही है.

राज्यपाल ने शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार की चर्चा करते हुए कहा कि 2005 में राज्य सरकार द्वारा शिक्षा व स्वास्थ्य में सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दिया, उसे बेहतर परिणाम आए हैं. बेटियां शिक्षा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं जिसका सुखद परिणाम है कि राज्य के स्कूल-कॉलेजों में लड़के व लड़कियों की संख्या बराबरी पर आ गई है. इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं.

राज्यपाल ने जाति आधारित गणना की चर्चा करते हुए कहा कि इस सर्वेक्षण में सभी वर्गों में 94 लाख गरीब परिवार चिन्हित किए गए हैं जिन्हें आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना से गरीबों का निश्चत रूप से आर्थिक विकास होगा. सरकार ने सभी कमजोर वर्गों के सामाजिक विकास हेतु कानून बनाकर आरक्षण की पूर्व से तय सीमा 50 प्रतिशत को बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया है. महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देते हुए सरकार ने उन्हें रोजगार से जोडऩे पर निरंतर कार्य कर रही है. जीविका के माध्यम से 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है. इसमें 1 करोड़ 30 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं और रोजगार के जरिये परिवारों को आर्थिक रूप से सबल बना रही हैं.

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