सिटी पोस्ट लाइव : लोक सभा चुनाव में तो तेजस्वी यादव के नेत्रित्व में महागठबंधन ने अपनी ताकत दिखा दी.लेकिन सबसे बड़ा सवाल बिहार विधान सभा चुनाव में क्या होनेवाला है? लोक सभा चुनाव में NDA को 8 सीटों का नुकशान हुआ है लेकिन सबकी नजर अब बिहार में विधायकों के सांसद बन जाने के बाद खाली हुई पांच सीटों पर है ,जहाँ उप-चुनाव होनेवाला है.इस उप-चुनाव को 20 25 में होनेवाले बिहार विधान सभा का सेमी फाइनल माना जा रहा है.ईन पांच सीटों के परिणाम से ही पता चल जाएगा कि विधान सभा चुनाव में क्या रिजल्ट आनेवाला है?
रामगढ़ से सुधाकर सिंह (RJD), तरारी से सुदामा प्रसाद (CPI ML) और जहानाबाद से सुरेंद्र यादव (RJD) महागठबंधन के विधायक थे. इमामगंज के विधायक जीतन राम मांझी भी सांसद बन चुके हैं. जाहिर है रामगढ़, तरारी, जहानाबाद और इमामगंज और रुपौली विधानसभा का उपचुनाव होगा. महागठबंधन को सिर्फ दो सीट इमामगंज और रुपौली पर मौका मिला है. जबकि उसके सामने अपनी तीन सीटों को बचाए रखने की चुनौती है. अगर महागठबंधन रामगढ़, तरारी और जहानाबाद विधानसभा पर कब्जा बरकरार रखते इमामगंज विधानसभा का उपचुनाव जीत लेता है तो महागठबंधन के विधायक की संख्या दो बढ़ सकती है लेकिन NDA के सामने सभी पांच सीटें जीतकर अपनी तीन सीटें बढाने का मौका है.
जहानाबाद के बेलागंज विधानसभा के विधायक सुरेंद्र यादव वर्ष 2024 के लोकसभा में जदयू प्रत्याशी चंदेश्वर चंद्रवंशी को हरा कर सांसद बन गए है. इनके सांसद बनने के कारण यहां उपचुनाव होना है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के सुरेंद्र यादव ने जदयू के कृष्णनंदन वर्मा को हराया था. तब राजद के सुरेंद्र यादव को 75,030 वोट मिले थे और कृष्णनंदन वर्मा को 41,128 मत मिले थे. जहानाबाद में 2010 का विधानसभा चुनाव अभिराम शर्मा ने जीता. 2015 के विधानसभा में राजद के मुंद्रिका यादव की जीत हुई. अब जहानाबाद विधानसभा के होने वाले उपचुनाव में जदयू को एक मौका है कि जीत हासिल कर एनडीए के साथ-साथ अपने संख्याबल में भी इजाफा कर ले.
रामगढ़ विधानसभा के विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से सांसद बन गए हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में रामगढ़ विधानसभा चुनाव में सुधाकर सिंह ने बसपा के अंबिका यादव को हराया था. तब सुधाकर सिंह को 58,083 मत मिले और बसपा के अंबिका यादव को 57,894 वोट मिले थे. हालांकि इससे पहले 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रामगढ़ में झंडा गाड़ दिया था. तब यहां से भाजपा के अशोक कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी. अब एक बार फिर से भाजपा के पास रामगढ़ विधानसभा सीट हासिल करने का मौका है.
तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद आरा लोकसभा से चुनाव जीत कर सांसद बन गए. इन्होंने भाजपा के उम्मीदवार पूर्व के केंद्रीय मंत्री आर के सिंह को हराया. साल 2020 के तरारी विधानसभा चुनाव में सुदामा प्रसाद ने निर्दलीय उम्मीदवार नरेंद्र कुमार पांडेय (सुनील पांडेय) को हराया था. यहां से भाजपा के कौशलेंद्र विद्यार्थी को 13,833 वोट मिले थे. 2010 में जदयू से बाहुबली सुनील पांडे उर्फ नरेंद्र पांडे जदयू के विधायक थे. अब तरारी विधानसभा का उप चुनाव होना है. एनडीए के लिए एक तरह से तरारी सीट को फिर से अपने कब्जे में करने का मौका है.
इमामगंज के विधायक जीतन राम मांझी गया लोकसभा से चुनाव जीत कर सांसद बन गए. जीतन राम मांझी ने राजद के पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत को पराजित किया. यहां दिलचस्प यह है कि इमामगंज विधानसभा से चुनाव जीतन राम मांझी 2020 में NDA की ओर से HAM के उम्मीदवार थे. तब जीतन राम मांझी ने राजद के उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी को हराया था. ऐसे में इस सीट पर महागठबंधन के लिए जीत का मौका है, जबकि एनडीए के पास सीट बचाए रखने का चैलेंज.
रुपौली से जेडीयू की विधायिका बीमा भारती लोक सभा चुनाव से पहले आरजेडी में आ गईं.पूर्णिया से लोक सभा चुनाव लादिन लेकिन अपनी जमानत भी नहीं बचा सकीं.अब उनकी सीट पर भी उप-चुनाव होने जा रहा है.सबसे बड़ा सवाल कि पिछले पांचबार से लगातार चुनाव जीत रही बिमा भारती आरजेडी में आने के बाद भी अपनी जीत का सिलसिला जारी रख पायेगीं .क्या जेडीयू इस सीट को जीत पायेगा जिसे पिछले चार चुनाव से बीमा भारती जीतती आ रही हैं.बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के मुकाबले इस दफे बदले हुए समीकरण हैं.