नीतीश के मास्टर स्ट्रोक ने उड़ा दी है बीजेपी की नींद.

 

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में जातीय गणना के महागठबंधन सरकार के मास्टर स्ट्रोक ने बीजेपी की नींद उड़ा दी है. नीतीश कुमार ने जातीय सर्वेक्षण के जरिए एक नई सियासत को जन्म दे दिया है. बीजेपी अब इसकी काट ढूंढने में लगी है. हालांकि, नड्डा ने कार्यकर्ताओं को सर्वे में सबसे कम दिखाई गई जातियों पर फोकस करने का निर्देश दिया है.बीजेपी के नेता एकबार फिर से हिन्दू राष्ट्र और हिन्दू राज्य का राग अलापने लगे हैं.बीजेपी विधायक बचौल ने कहा है कि बिहार में हिंदुओं की आबादी 82 प्रतिशत है. हिन्दुओं की बहुलता को देखते हुए बिहार को हिन्दू राज्य घोषित कर देना चाहिए. सरकारी योजनाओं का लाभ भी आबादी अधिक होने के कारण हिंदुओं को अधिक मिलना चाहिए.

 

दरअसल,बीजेपी  की चिंता इस बात को भी लेकर है कि अररिया, किशनगंज, कटिहार, बेतिया, दरभंगा, मधुबनी जैसे सीमावर्ती जिलों में हिंदू आबादी अल्पसंख्यक हो गई हैं. इन जिलों में विशेष अभियान चलाने की जरूरत है. इसकी जांच कराई जानी चाहिए कि वहां मुस्लिम आबादी इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही है? जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन करना चाहिए. अब तो बिहार में एक खास वर्ग द्वारा हिंदुओं को प्रताड़ित करने की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अक्सर मुसलमानों को लेकर तल्ख टिप्पणी करने के लिए मशहूर माने जाते हैं. साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि 1947 में जब पाकिस्तान अलग हो गया, उसी वक्त मुसलमानों को पाकिस्तान भेज देना चाहिए था. कई मौकों पर वो  मुसलमानों को लेकर इसी अंदाज में बयान देते रहे हैं.केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ये भी कह चुके हैं कि  जिन्ना की सोच वाले लोगों को  बंटवारे के समय ही पाकिस्तान भेज देना चाहिए था.

बिहार दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवार ने  नेताओं-कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए कहा कि बीजेपी बिहार में किसी को अब और कंधे पर नहीं बिठाएगी. उनका इशारा नीतीश कुमार की ओर था. इसी बहाने वे कहना चाहते थे कि अब तक बीजेपी बिहार में सहयोगी की भूमिका में रही है. उन्होंने यह भी कह दिया कि क्षेत्रीय दलों के सफाए का वक्त आ गया है. ऐसा कहते वक्त वे भूल गए कि भाजपा खुद छोटे दलों को साथ जोड़ने का अभियान चला रही है. भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए में अगर 38 दल शामिल हैं तो उनमें ज्यादातर क्षेत्रीय दल तो ही हैं.

कभी जाति गणना पर सवाल उठाना, फिर उसे एनडीए सरकार की देन बतान  और अब हिन्दू राज्य की मांग बीजेपी की बौखलाहट को उजागर करते हैं. विपक्षी गठबंधन के आकार लेने के बाद बीजेपी की चिंता स्वाभाविक है.लेकिन  जिस तरह नड्डा ने क्षेत्रीय दलों के खात्मे की बात कही, वह एनडीए के सहयोगी दलों को बुरा लग सकती है. अगले लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा का काम भले चल जाए, लेकिन 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी नीतीश कुमार के बिना  सरकार नहीं बना पायेगी. नरेंद्र मोदी का भाजपा के अलावा भी अपना अलग से वोट बैंक बन चुका है. उस अतिरिक्त वोट बैंक का लाभ भाजपा को 2025 के विधान सभा चुनाव  में नहीं मिलेगा.

Nitish's master stroke