‘मेरा नाम तेजस्वी यादव है, पहचान लें… घुसकर पीटेंगे’.

 

सिटी पोस्ट लाइव : ‘मेरा नाम तेजस्वी यादव है, बात ये कि अच्छे से पहचान लें. नहीं… नहीं अब कुछ बचा क्या, हम कह रहे हैं न इस कानून के तहत पूर्व मुख्यमंत्री के घर में घुसकर पीटेंगे.विधान सभा मार्च के दौरान बीजेपी नेताओं पर  लाठीचार्ज के बाद से ही तेजस्वी यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल है.गौरतलब है कि 13 जुलाई 2023 को बिहार बीजेपी के नेताओं ने विधानसभा मार्च किया था.  बीजेपी नेता डाकबंगला पहुंचे तो पुलिस से इनकी झड़प हो गई. और देखते ही देखते पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. पटना पुलिस ने बीजेपी नेताओं को दौड़ा-दौड़ाकर मारा. आरोप है कि पुलिसिया लाठीचार्ज में एक बीजेपी नेता की मौत हो गई.

 इस घटना के बाद बिहार में सियासत तेज है. सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने हैं. इस बीच जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर बदला लेने का आरोप लगा दिया.तेजस्वी यादव का 24 मार्च 2021 एक video भी खूब viral हो रहा है.गौरतलब है कि 23 मार्च 2021 को बिहार विधानसभा के अंदर जो भी हुआ, वह पहले कभी नहीं हुआ था. बिहार विधानसभा के 100 साल के इतिहास में वह पहला मौका था, जब सदन के अंदर पुलिस को बुलानी पड़ी थी. पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए विरोधी दल के विधायकों को सदन से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया था. आरोप लगाया गया था कि इस दौरान पुलिस ने विधायकों के साथ मारपीट भी की. कई विधायक भी घायल हुए थे. इस घटना के अगले दिन (24 मार्च ) तेजस्वी यादव ने ये बयान दिया था.

साल 2021 में बिहार विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा था. उस वक्त आरजेडी विपक्ष में थी. बिहार में एनडीए की सरकार थी. सदन में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल विधेयक पेश किया गया था. आरजेडी के विधायक इस विधेयक का विरोध कर रहे थे. आरजेडी विधायकों ने सदन के अंदर रिपोर्टर टेबल को पलट दिया. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन बाधित रही. शाम होने पर आरजेडी विधायक सदन से वाकआउट कर गए और विधानसभा अध्यक्ष के कमरे के बाहर धरना पर बैठ गए. आरोप लगाया गया कि विधानसभा अध्यक्ष को आरजेडी विधायकों ने बंधक बना लिया है. बंधक हो जाने के कारण वे अपने कमरे में बैठे हुए हैं. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर पहली बार में असेंबली में पुलिस आई. पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए आरजेडी विधायकों को सदन से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया.

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