नगर पालिका अधिनियम 2024 नहीं होगा लागू.

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सिटी पोस्ट लाइव : नगर पालिका अधिनियम 2024  को बिहार सरकार ने वापस ले लिया है.नगर विकास विभाग ने नगर निगम के मांगों को मानते हुए नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने बड़ा फैसला लिया है. नगर पालिका अधिनियम 2024 का सभी मेयर और नगर निगम विरोध कर रहे थे. इसको देखते हुए सरकार ने यू टर्न ले लिया है. नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि नगरपालिका के प्रतिनिधियों के अधिकारों की रक्षा सरकार करेगी. नये संशोधन के मुताबिक मुख्य कार्यपालिका पदाधिकारी पर्यवेक्षण का काम अब स्टैंडिंग कमिटी ही करेगी. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अब सशक्त स्थाई समिति के अधीन काम करेंगे. उसके अध्यक्ष के रूप में मेयर ही पर्यर्वेक्षण पर फैसला ले सकेंगे.

ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन संचालन का दर और कार्यान्वयन नगर निकाय करेगी. सशक्त स्थाई समिति और बोर्ड की बैठक 15 दिनों में की जाएगी. नगरपालिका बैठक के दर्शक दीर्घा में आमजन बैठ सकेंगे और इसके लिये निर्धारित संख्या नगर निगम में 20 लोग, नगर परिषद में 15 और नगर पंचायत में 10 लोगों की तय की गई है. अधिनियम की धारा 52(5) को वापस ले लिया गया है. इसके तहत राज्य सरकार के फैसले को नगर निगम चैलेंज नहीं कर सकती थी.

नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर, नगर परिषद के अध्यक्ष और काउंसलर समेत सभी प्रतिनिधि हमसे मिले थे और लोगों की बात सुनी गई. उनके जो सुझाव थे उसको राज्य सरकार ने सकारात्मक तरीके से विचार किया और हमने तय किया कि किये गए संशोधनों को वापस ले लिया जाय. नितिन नवीन ने कहा कि नगर विकास विभाग, नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत एक पूरी यूनिट है और सबको मिलकर इस राज्य के विकास के लिए काम करना होगा.

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