‘फ़कीराना अंदाज़’ वाले नेता चंपई सोरेन: होगें CM.

 

सिटी पोस्ट लाइव : चम्पई सोरेन अब  झारखंड के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों ने उन्हें अपना नेता चुना है. पैरों में चप्पल, ढ़ीली शर्ट-पैंट और सिर के बालों पर फैली सफेदी. चंपई सोरेन की यही पहचान है.वे सादगी से जीवन जीते रहे हैं.किसी को दिक़्क़त हुई, तो उन्हें टैग कर सोशल मीडिया पोस्ट किया. फिर चंद मिनटों में उसका समाधान. ये सब करते रहते हैं चंपई सोरेन.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के ये 67 वर्षीय नेता पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन और उनके बेटे हेमंत सोरेन सोरेन दोनों के विश्वसनीय रहे हैं.हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में वे परिवहन और खाद्य व आपूर्ति विभाग का काम देख रहे थे.झारखंड राज्य गठन के आंदोलन में वे शिबू सोरेन के निकट सहयोगी रहे हैं.झारखंड विधानसभा में वे सरायकेला सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. वे इस सीट से सात बार विधायक रहे हैं.वे सरायकेला खरसांवा जिले के गम्हरिया प्रखंड के जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं.उनके पिता सेमल सोरेन किसान थे. साल 2020 में 101 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था.चंपई सोरेन उनकी अपने माता-पिता की छह संतानों में तीसरे नंबर पर हैं. उनकी मां माधो सोरेन गृहिणी थीं.

 

साल 1991 में सरायकेला सीट के लिए हुए उपचुनाव में उन्होंने पहली बार जीत हासिल की और तत्कालीन बिहार विधानसभा के सदस्य बने.तब वह उपचुनाव वहां के तत्कालीन विधायक कृष्णा मार्डी के इस्तीफ़े के कारण हुआ था. इसके बाद वे 1995 में फिर चुनाव जीते लेकिन साल 2000 का चुनाव हार गए.साल 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर से जीत हासिल की और उसके बाद कोई चुनाव नहीं हारे. वे छह बार इस सीट से विधायक रहे हैं.11 नवंबर 1956 को जन्मे चंपई सोरेन ने दसवीं तक की ही पढ़ाई की है.

ईडी ने कथित खनन घोटाले में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया था. जबकि हेमंत सोरेन इन मामलों में प्राथमिक अभियुक्त नहीं हैं.उनकी पार्टी ईडी पर केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाती रही है.अब कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी से खुलकर क़ानूनी लड़ाई लड़ना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने का निर्णय लिया है.

CHAMPAI SOREN