सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के हाई-प्रोफाइल साले साधु यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं.पूर्व में मिली एक सजा के विरुद्ध अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव की ओर से दाखिल अपील को एमपी/एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया है.विशेष न्यायाधीश विनय प्रकाश तिवारी की अदालत ने निचली अदालत में साधु को सुनाई गई तीन वर्ष कारावास की सजा को बरकरार रखा.अब यदि साधु यादव इस आदेश को पटना उच्च न्यायालय में चुनौती देते हैं तो उन्हें अदालत में आत्मसमर्पण करना होगा और जेल जाने के बाद ही आवेदन कर सकेंगे.
मामला 27 जनवरी 2001 का है। आरोप है कि उस तिथि को साधु यादव विश्वेश्वरैया भवन में अपने 10-15 कमांडो के साथ जबरन प्रवेश कर गए .उस समय परिवहन विभाग में एक बैठक चल रही थी. इसकी अनदेखी करते हुए तत्कालीन परिवहन आयुक्त नरेंद्र कुमार सिन्हा से जबरन एक प्रवर्तन निरीक्षक सीताराम पासवान के स्थानांतरण आदेश पर हस्ताक्षर करा आदेश जारी करवाया था.बाद में अधिकारी ने गर्दनीबाग थाने में प्राथमिकी संख्या 42/2001 दर्ज करा साधु यादव को आरोपित किया था.एमपी/एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत उनको तीन वर्ष कारावास की सजा सुना चुकी थी. साधु यादव पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के साले हैं.