सिटी पोस्ट लाइव :ईमाम्गंज विधान सभा सीट का उप चुनाव NDA के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है.यहाँ का जातीय समीकरण भी बहुत दिलचस्प है.इमामगंज में लगभग 60 हजार वोट कोयरी समाज का है और विधानसभा के चुनाव में कोयरी समाज निर्णायक भूमिका निभाते हैं. . इमामगंज विधानसभा क्षेत्र कोयरी समाज का नैहर कहा जाता है. उपचुनाव में कोयरी समाज के वोट को अपने पाले में करने के लिए एनडीए और महागठबंधन दोनों ने ऐड़ी छोटी का जोर लगा दिया है.स्थानीय सांसद अभय कुशवाहा जो आरजेडी से आते हैं वह भी कोयरी समाज को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं जबकि एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा गया है. उपेंद्र कुशवाहा कोयरी समाज के वोट को एकजुट करने के लिए और एनडीए के पक्ष में वोट करने के लिए लोगों से लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं.
जीतन राम मांझी NDA में हैं इसलिए माना जा रहा था कि उनका वोट एकतरफा मांझी के पक्ष में जाएगा.लेकिन यहाँ जन सुराज ने बड़ा खेल कर दिया है. इस उपचुनाव में कोयरी समाज के वोट बैंक में जबर्दश्त सेंधमारी दिखाई दे रहा है.कोइरी समाज का वोट एनडीए, महागठबंधन और जनसुराज के बीच विभाजित हो रहा है..कुछ लोग नीतीश कुमार से नाराज हैं और उनके ऊपर अपनी अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं.उनका आरोप है कि उनके लिए नीतीश कुमार ने कुछ नहीं किया है. इसलिए इस बार के उपचुनाव में हम वो जन सुराज के उम्मीदवार को वोट देने की बात कर रहे हैं. जनसुराज के कैंडिडेट जीतेन्द्र पासवान को ज्यादा अपना समर्थन दे रहे हैं.
ग्रामीणों के अनुसार नीतीश कुमार की जाती के होने की वजह से कुर्मी बहुल गांव में महागठबंधन के उम्मीदवार वोट मांगने नहीं जा रहे हैं.वो मानकर चल रहे हैं कि उनका वोट जीतन मांझी की पार्टी को जाएगा.यहाँ के कोइरी समाज के वोटरों का कहना है कि उन्होंने हमेशा जीतन राम मांझी का साथ दिया है लेकिन इसबार नए उम्मीदवार को आजमायेगें.जन सुराज का उम्मीदवार स्थानीय होने की वजह से स्थानीय समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दे रहे हैं और लोग उन्हें समर्थन देने की बात भी कर रहे हैं.कुर्मी समाज के लोगों का खाना है कि नीतीश कुमार ने उनको रोजगार देने के लिए कुछ नहीं किया.उनका रोजगार छीन लिया है.इसलिए वो इसबार स्थानीय उम्मीदवार को समर्थन देगें.