नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार में कहाँ फंसा है पेंच, जानिये.

नीतीश कुमार दो से ज्यादा मंत्री बनाने को नहीं हैं तैयार, RJD-कांग्रेस दोनों चाहते हैं दो-दो मंत्री पद.

सिटी पोस्ट लाइव : कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार हो रही देर से खफा है.प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने तो यहां तक कह दिया है कि महागठबंधन में कांग्रेस अपमान सह कर नहीं रहेगी. पटना में हुई विपक्षी एकता की बैठक के बाद तो कांग्रेस पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी नीतीश कुमार से पूछा था कि मंत्रिमंडल का विस्तार कब कर रहे हैं? तब नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव की तरफ ही देखकर उनसे पूछा था कि क्या करना है? कुछ दिन पहले एक बार फिर से वही सवाल किया गया तो नीतीश कुमार ने फिर गेंद तेजस्वी यादव के पाले में फेंक दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल के विस्तार में देरी उनकी  वजह से नहीं हो रही. यह तेजस्वी यादव को तय करना है.

दरअसल, बिहार सरकार में फिलहाल 31 मंत्री हैं. पांच मंत्री के पद अभी भी रिक्त है. लेकिन नीतीश कुमार ने अभीतक  33 से अधिक मंत्रियों को अपने कैबिनेट में कभी नहीं रखा है.इसबार भी वो  अपने कैबिनेट में 33 से ज्यादा मंत्री बनाने के लिए तैयार नहीं है.ऐसे में कैबिनेट में सिर्फ दो लोगों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.कैबिनेट में जो दो सीट खाली है वे RJD  कोटे के है. कार्तिक कुमार और सुधाकर सिंह. इन दोनों के त्यागपत्र के बाद से यह खाली है. RJD  ने अपने इन दोनों सीटों पर अभी तक किसी को मंत्री नहीं बनाया है. इधर,कांग्रेस कैबिनेट में दो सीटों की मांग कर रही है. महागठबंधन में कांग्रेस की बात मानी गई तो इसके लिए RJD  को ही त्याग करना पड़ेगा. आरजेडी इसके लिए तैयार नहीं है.

 आरजेडी में मंत्री पद को लेकर राजनीति भी चरम पर है. पार्टी के सामने धर्मसंकट यह है कि एक को मंत्री बनाते हैं तो पांच नाराज हो जाएंगे. पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव तक किसी प्रकार का कोई बवाल नहीं चाह रही है. नए मंत्री बने तो पहले से जो मंत्री हैं उनके विभाग कम होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद सर्वाधिक चार विभाग तेजस्वी प्रसाद यादव के पास हैं. RJD या फिर कांग्रेस  कोटे से मंत्री बनाए जाने के बाद RJD  कोटे से या तो तेजस्वी प्रसाद यादव को मिले विभागों में कटौती करनी होगी या किसी और सदस्य को कैबिनेट से ड्रॉप करना होगा. इसको लेकर भी असंतोष भड़क सकता है. गठबंधन में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. इसलिए आरजेडी में ही सबसे ज्यादा बवाल भी हो सकता है. इसलिए पार्टी नेतृत्व इस पर मौन है.

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