सिटी पोस्ट लाइव : नौकरी के बदले जमीन घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि अमित कत्याल की कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने 2014 में मात्र 1 लाख रुपये का भुगतान करके अपने कब्जे में ले लिया था, जबकि उस वक्त इस फर्म के पास 63 करोड़ की संपत्ति थी. ईडी ने आरोपपत्र में दावा किया है कि लैंड फॉर जॉब मामले में मुख्य साजिशकर्ता पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ही हैं. ईडी ने यह दावा बीते शुक्रवार को दायर अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में किया था. अपनी चार्जशीट में ईडी ने यह भी तथ्य बताया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लोगों से रिश्वत के तौर पर जमीन ली थी. आरोप के अनुसार, अवैध तरीके से अर्जित जमीन पर लालू प्रसाद यादव के परिवार का कब्जा है.
ईडी की जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि रेलवे में नौकरी के नाम पर रिश्वत के तौर पर जमीन लेना लालू प्रसाद यादव स्वयं तय कर रहे थे, इसमें उनका साथ उनका परिवार और करीबी अमित कत्याल दे रहे थे. कई जमीनें ऐसी भी हैं जो लालू प्रसाद यादव के परिवार की जमीन के ठीक बराबर में स्थित हैं और इन्हें भी कौड़ियों के दाम पर खरीद लिया गया. ईडी के आरोपों के घेरे में लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी हैं.
ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि एके इंफोसिस्टम्स जमीन अधिग्रहण के बाद 13 जून 2014 को राबड़ी देवी को 85 प्रतिशत और तेजस्वी यादव को 15 प्रतिशत शेयर ट्रांसफर कर दिए जिस कारण तेजस्वी यादव मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पास मौजूद जमीन के मालिक बन गए. इसके साथ ही 1.89 करोड़ रुपए की संपत्ति को लालू प्रसाद यादव के परिवारवालों ने 1 लाख रुपए कीमत देकर अपने कब्जे में कर लिया.
चार्जशीट में दावे के अनुसार, तेजस्वी यादव के पास कंपनी में 98.25% हिस्सेदारी है, जबकि उनकी बहन चंदा यादव के पास इसमें 1.75% हिस्सेदारी है. इसने आरोप पत्र में दावा किया गया है कि एबीईपीएल ने 2007 में पांच शेल कंपनियों से वैकल्पिक रूप से पूरी तरह से परिवर्तनीय डिबेंचर का उपयोग करके 5 करोड़ रुपये में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक आवासीय संपत्ति और एक बंगला डी-1088 खरीदा था. ईडी के आरोप पत्र में कहा गया है कि तेजस्वी यादव ने 2010 में केवल 4 लाख रुपये का देकर एबीईपीएल के शेयर खरीदे.