BJP के आधा दर्जन सांसद हो सकते हैं पैदल.

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में NDA के एक दर्जन से ज्यादा सांसदों की सांस अटकी हुई है.अभी तक किसी को ये पता नहीं है कि उनका टिकट पक्का है या नहीं है. दोनों गठबंधन अभीतक  सीट बंटवारे की प्रक्रिया जारी है.JDU  में ज्यादा फेरबदल की गुंजाइश नहीं है, लेकिन BJP  के लगभग आधा दर्जन सांसदों का टिकेट कट सकता है.एलजेपी (परस) के सभी पांच सांसदों का भविष्य अधर में है. BJP नेतृत्व की तरफ से सांसदों को कोई निर्देश या संकेत नहीं दिया गया है. ऐसे में उनका पटना-दिल्ली का दौरा बढ़ गया है.

चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) और एलजेपी ( पारस) के सांसदों का भविष्य भी अधर में है.चिराग पासवान तो 5 सीटों पर डील फाइनल हो जाने का दवा कर रहे हैं.लेकिन एलजेपी (पारस) के नेता सूरजभान सिंह का दवा है कि बीजेपी पारस को पैदल नहीं कर सकती.उनका दावा है कि उनके हिस्से की सीटें उन्हें जरुर मिलेगी.दोनों गठबंधनों में सीटों के तालमेल पर बड़ी बैठक आज होने वाली है. फिर प्रत्याशियों की घोषणा में विलंब नहीं होगा. सीटों के तालमेल और फेरबदल के मुद्दे पर बिहार एनडीए के सभी मित्र दलों के शीर्ष नेताओं के साथ भाजपा का अंतिम विमर्श सोमवार को होने जा रहा है.

मुख्यमंत्री एवं जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार सोमवार शाम दिल्ली जा  रहे हैं. राष्ट्रीय लोक मोर्चा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के जीतन राम मांझी भी पहुंच चुके हैं. माना जा रहा है कि देर रात सभी दलों के बीच बातचीत में अंतिम सहमति बना ली जाएगी एवं मंगलवार को संयुक्त रूप से घोषणा की जा सकती है.

BJP  अपने जिन सांसदों का टिकट नहीं काटने जा रही है, उन्हें क्षेत्र में रहकर तैयारी जारी रखने का संकेत दे दिया है, लेकिन आलाकमान ने जिन क्षेत्रों को विचाराधीन रखा है, उनमें बक्सर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना साहिब, शिवहर एवं पश्चिमी चंपारण शामिल हैं. बक्सर से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है. वहां से पूर्व आइपीएस आनंद मिश्रा की प्रबल दावेदारी है.राधा मोहन सिंह का टिक उम्र के चलते लटक सकता है.

सिटिंग गेटिंग के आधार पर एनडीए के दोनों बड़े घटक दलों भाजपा और जदयू की सहमति बन चुकी है. भाजपा 17 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी और जदयू के हिस्से में 16 सीटें आई हैं. एक-एक सीट कुशवाहा एवं मांझी की पार्टी को मिली है. चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) के हिस्से में पांच सीटें गई हैं. कुछ सीटों की अदला-बदली में विलंब हो रहा है. जदयू को लवली आनंद के लिए राजपूत बहुल एक सीट चाहिए. औरंगाबाद से उन्हें प्रत्याशी बनाया जा सकता है, जहां अभी भाजपा के सुशील सिंह सांसद हैं.

जदयू के हिस्से की गया और काराकाट सीट जीतन राम मांझी एवं कुशवाहा के लिए छोड़ी गई है. चिराग के हिस्से में आई पांच सीटों में नवादा को लेकर जिच है. वैशाली-नवादा भूमिहार बहुल है.  चिराग ने नवादा अगर लौटा दिया तो भाजपा यहां से विवेक ठाकुर या आइपीएस विकास वैभव पर दांव लगा सकती है. पशुपति पारस के गुट के सूरजभान सिंह को भी मनाने का प्रयास किया जा रहा है.

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