हाजीपुर की सीट NDA के लिए सबसे बड़ी चुनौती.

हाजीपुर से चिराग, जमुई से श्याम रजक, खगड़िया लोक सभा सीट से पारस लड़ सकते हैं चुनाव .

सिटी पोस्ट लाइव : हाजीपुर लोक सभा सीट को लेकर दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस और बेटे चिराग पासवान के बीच जंग जारी है.इस सीट से पशुपति अभी सांसद हैं लेकिन अब इस सीट से चिराग पासवान चुनाव लड़ना चाहते हैं.चिराग पासवान का कहना है कि ये उनके  पिता की सीट रही है.यहां से उनके  पिता 8 बार सांसद रहे हैं.बेटा होने के नाते उनका अधिकार इस सीट पर बनता है.पशुपति पारस का कहना है कि अपने भाई के राजनीतिक उतराधिकारी वो हैं.भाई ने ही उन्हें ये सीट सौंपी थी.

दरअसल, हाजीपुर  से लड़ने का मतलब  जीत की गारंटी है.लेकिन चाचा भतीजे की लड़ाई की वजह से  अब यही सीट बिहार में एनडीए के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इस सीट की वजह से रामविलास पासवान का वोटबैंक एक साथ नहीं आ पा रहा है.अगर बात नहीं बनी तो चाचा-भतीजे के दिल नहीं मिलेंगे और दिल नहीं मिलेंगे तो नुकसान होगा. यह वही सीट है जिस पर रामविलास पासवान ने जीत का रिकॉर्ड बनाया था, वहां अब उनका परिवार दावेदारी के लिए लड़ रहा है. पारिवारिक लड़ाई में सीट को बड़े नुकसान का खतरा है. ऐसे में NDA को बड़ा राजनीतिक समीकरण सेट करना होगा.

आगामी लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट पर चाचा-भतीजा का कद तय होने के साथ रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी का फैसला भी हो जाएगा. अब NDA चाचा-भतीजा की लड़ाई में हाजीपुर सीट रामविलास की पत्नी रीना पासवान को देकर बड़ा दांव खेल सकती है. एनडीए का  हाईकमान इस पर काम भी कर रहा है.राजनीति में बहुत ऐसे स्थान हैं, जहां पारस को सेट किया जा सकता है.मसलन उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जा सकता है या फिर कार्पोरेशन और बोर्ड में उन्हें जगह दी जा सकती है.

बीजेपी चाचा भतीजे के बीच जारी इस लड़ाई को किसी तरह ख़त्म करना चाहती है. चिराग लंबी रेस का घोड़ा बनकर उभरे हैं, ऐसे में बीजेपी उन्हें नाराज करने का खतरा नहीं मोल लेना चाहेगी.चिराग पासवान को हाजीपुर लोकसभा सीट दी जा सकती है, जमुई में दूसरी पार्टी से टूटकर आने वाले एक बड़े नेता को उम्मीदवार बनाया जा सकता है.पशुपति पारस को खगड़िया से भी लोकसभा का उम्मीदवार बनाया जा सकता है.

HAJIPUR LOK SABHA SEAT