सिटी पोस्ट लाइव : योगी सरकार की ओर से जारी की गई एनकाउंटर की लिस्ट के अनुसार 2017 से अबतक 183 अपराधी मुठभेड़ में ढेर हुये हैं. इनमें केवल 57 ही मुस्लिम हैं. 126 अपराधी हिंदू हैं. बीजेपी ने इस आंकड़े के बल पर अखिलेश यादव पर हमला भी बोला है. बीजेपी ने कहा कि सपा मुखिया जानबूझकर अपराधियों में जाति धर्म ढूंढ़ते हैं, क्योंकि उनकी मंशा चुनाव में इसका फायदा उठाने की रहती है.2017 में 28 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे, जिसमें 14 मुस्लिम हैं. 2018 में 41 ढेर हुए, जिसमें 14 मुस्लिम हैं. 2019 में 34 मारे गए, जिसमें 11 मुस्लिम, 2020 में 26 अपराधी मारे गए, जिसमें 5 मुस्लिम, 2021 में 26 मारे गए, जिसमें 7 मुस्लिम हैं. 2022 में 14 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए, जिसमें 1 मुस्लिम है और 2023 में अभी तक 14 अपराध मारे गए, जिसमें असद गुलाम समेत 5 मुस्लिम हैं.
गौरतलब है कि अतीक अहमद (Atique Ahmad) के बेटे असद (Asad) और शूटर गुलाम का यूपी एसटीएफ ने 13 अप्रैल को झांसी में एनकाउंटर कर दिया था. इसके बाद से लगातार इसको धर्म से जोड़ा जा रहा है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) योगी सरकार पर हमला बोलते हुए इसे भाईचारे के खिलाफ भी बता चुके हैं. अब योगी सरकार ने 6 सालों में एनकाउंटर में ढेर हुए अपराधियों की लिस्ट जारी की है.
अतीक का बेटा असद 24 फरवरी को हुए उमेश पाल मर्डर का मुख्य आरोपी था. मर्डर के बाद से वह फरार था. उस पर 5 लाख का इनाम था. पुलिस के पास इनपुट था कि वह गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज आए अपने पिता और माफिया डॉन अतीक को छुड़ाने के लिए उसके काफिले पर हमला कर सकता है. पुलिस का कहना था कि इसी इनुपट के बाद जब पुलिस टीम ने उसे रोका तो उसने फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में वह और एक दूसरा शूटर गुलाम मारा गया. उमेश पाल मर्डर के सभी आरोपियों के चेहरे सीसीटीवी फुटेज में दर्ज थे.