सीएम नीतीश ने खोज लिया मांझी के बेटे का रिप्लेसमेंट.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन की जगह नीतीश कुमार अपने कैबिनेट में  सहरसा के सोनबरसा से तीन बार के विधायक रत्नेश सदा (JDU Mla Ratnesh Sada) को जगह देने जा रहे हैं.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें अचानक फोन करके बुलाया है. उन्हें नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने फोन किया और जल्द से जल्द पटना पहुंचने के लिए कहा है. नीतीश कुमार ने रत्नेश सदा को यह भी कहा कि अभी आप पटना में रहेंगे, कहीं जाएंगे नहीं. माना जा रहा है रत्नेश सदा के रूप में नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन (Jitan Ram Manjhi Son Santosh Suman) का विकल्प ढूंढ लिया है.

 

जेडीयू नेता रत्नेश सदा भी मुसहर समाज से आते हैं. वो जीतन राम मांझी से कहीं अधिक जनाधार वाले नेता भी हैं. रत्नेश सदा सहरसा के सोनबरसा से लगातार तीन बार के विधायक हैं और संस्‍कृत से उन्‍होंने आर्चाय की डिग्री भी हासिल की है. रत्नेश सदा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र हैं. वो सरल स्वभाव वाले जुनूनी नेता माने जाते हैं. यही वजह है कि रत्‍नेश सदा को नीतीश कैबिनेट में जगह मिल सकती है. इस बीच एनबीटी ऑनलाइन की टीम ने रत्नेश सदा से बात की, जिसमें उन्होंने जीतनराम मांझी पर करारा अटैक किया. रत्नेश सदा का आरोप है कि जीतनराम मांझी ने कभी मुसहर समाज के उत्थान के लिए कोई काम नहीं किया.

 

 विधायक आवास में बातचीत करते हुए उन्होंने जीतन राम मांझी पर रत्नेश सदा ने कई संगीन आरोप लगाए. उनका कहना है कि जीतन राम मांझी ने कभी अपने समाज के लोगों के लिए काम नहीं किया है. उन्होंने केवल अपने परिवार अपने बेटे अपने बहू और अपने दामाद के लिए राजनीति को जरिया बनाया है. रत्नेश बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर यह भी आरोप लगाया कि वह इस वक्त भी अवसरवादी राजनीति कर रहे हैं.

 

रत्नेश सदा ने आगे कहा कि समाज का एक एक बच्चा यह जानता है कि नीतीश कुमार ने समाज में जिनको बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था. लेकिन जीतन मांझी उस गरिमा का सम्मान नहीं कर सके और अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति में लग गए. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने केवल अपने परिवार के लोगों को ही लाभ पहुंचाया.

RATNESH SADA