जनगणना चाहते हैं चिराग, आरक्षण पर SC के फैसले का विरोध

 

सिटी पोस्ट लाइव : तेजस्वी यादव के बाद अब केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी आरक्षण के अंदर आरक्षण को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले का विरोध किया है.गौरतलब है कि राज्यों को 15 प्रतिशत आरक्षण के एक हिस्से के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप-समूह बनाने की अनुमति दी गई है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी.चिराग पासवान ने कहा कि वह जाति जनगणना के पक्ष में हैं. हालांकि उनका यह भी मानना ​​है कि इसके निष्कर्षों को ‘सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए’.

 

उन्होंने कहा, ‘एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर को अनुमति नहीं दी जा सकती. एससी कोटे में उप-समूहों को अनुमति देने से सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े वर्ग के उत्थान का उद्देश्य पूरा नहीं होगा जो छुआछूत की प्रथा का शिकार रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी के हनुमान कहे जाने वाले पासवान ने बिना विस्तार से बताए कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें जाति जनगणना करानी चाहिए, लेकिन इसके निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. एकत्रित आंकड़ों का इस्तेमाल सरकार को नीतियां बनाने में करना चाहिए.’

 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से दिए एक फैसले में बृहस्पतिवार को कहा कि राज्यों के पास अधिक वंचित जातियों के उत्थान के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति में उप-वर्गीकरण करने की शक्तियां हैं. भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने 6:1 के बहुमत से व्यवस्था दी कि राज्यों को अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) में उप-वर्गीकरण करने की अनुमति दी जा सकती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन समूहों के भीतर और अधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया जाए.

CHIRAG PASWAN