आरक्षण पर चिराग और मांझी का स्टैंड अलग.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में अनुसूचित जाति आरक्षण के मुद्दे पर एनडीए के दो घटक दलों के बीच टकराव जारी है. क्रीमी लेयर और अनुसूचित जातियों के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर लोजपा (रा) और हम आमने सामने हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जदयू बीच का रास्ता निकाल रही है. भाजपा के पास इस विषय पर बोलने के लिए अधिक कुछ नहीं है, क्योंकि केंद्र की सरकार उसकी अगुआई में चल रही है और प्रश्न उसके ही निर्णयों पर उठ रहा है. दोनों की मांग एक दुसरे से अलग है.

लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के माध्यम से सरकारी सेवाओं में बिना आरक्षण के लेटरल एंट्री का सोमवार को विरोध किया था. मंगलवार को उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात भी हुई. केंद्र से इसे रोक दिया. चिराग और उनके लोग खुश हैं. इससे पहले, चिराग ने सर्वोच्च न्यायालय की क्रीमी लेयर के बारे में की गई टिप्पणी को अस्वीकार करने की केंद्र सरकार के निर्णय की सराहना की थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय की ओर से राज्यों को दिए गए अनुसूचित जातियों के उप वर्गीकरण के अधिकार पर उन्हें आपत्ति है.

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के आधार पर उपवर्गीकरण (कोटा में कोटा) लागू करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय का समर्थन करते हुए बिहार सरकार से इसे लागू करने की मांग की है. मांझी ने कहा कि राज्य सरकार अत्यंत पिछड़ी 18 दलित जातियों का उपवर्गीकरण कर 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराए. अगर राज्य सरकार इसे लागू नहीं करती है तो इस मुद्दे पर पटना के गांधी मैदान में 18 दलित जातियों की रैली आयोजित की जाएगी.

INFIGHTING IN NDA