जातिगत सर्वे: पारस ने कहा ‘सजा’ तो कुशवाहा ने बताया ‘फर्जी’

 

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में जातिगत जनगणना सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है. लेकिन इस जनगणना पर राजनीतिक दल सवाल उठा रहे हैं. कई जातियों की आबादी अनुमान से कमतर दिखाए जाने का आरोप लगाया जा रहा है.पिछड़े वर्ग से आने वाले नेता पशुपति पारस और upendra कुशवाहा  इसके आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने सरकार साजिश के तहत पासवान जाति की संख्या छुपा लेने का आरोप लगा दिया है.upendra कुशवाहा फर्जीवाड़े का आरोप लगा रहे हैं.

 

पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि  ये रिपोर्ट या तो गलत है या राजनीतिक द्वेष के चलते जारी की गई. पारस ने कहा, अनुसूचित जातियों यानी SC को 19% बताया गया, लेकिन हमारी जाति का कहीं जिक्र नहीं किया. पासवान और रविदास जाति को राजनीति के चलते छिपाया गया. अगर आंकड़े जारी नहीं किए तो हमारे समाज के लोग सड़क पर धरना और प्रदर्शन करेंगे. मेरी कम्युनिटी को SC बताया गया और उसमें विभिन्न जातियों का जिक्र है, लेकिन पासवान का नहीं.

 

पशुपति कुमार पारस ने कहा, सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक द्वेष के कारण हमारी जाति की संख्या छुपाई गई, हम मुसहर समाज से ज्यादा है लेकिन हमारी जाति का जिक्र नहीं. यादवों के बाद दूसरे स्थान पर हमारी जाति है, लेकिन बिहार सरकार को उनका वोट नहीं मिलता, इसलिए हमारी जाति के आंकड़े जारी नहीं किए गए. हम NDA सरकार के पक्ष में मतदान करते हैं, उसकी हमें सजा दी गई है. पारस ने कहा कि हम सड़कों पर उतरेंगे और भरी प्रदर्शन करेंगे, राज्यपाल से मिलेंगे.इसमें तुरंत सुधार किया जाए और आंकड़े TV इंटरनेट और तमाम जगह भेजे जाएं.

 

राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि सरकार द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट में कई खामियां हैं. ऐसा लगता है कि सरकार ने हड़बड़ी में जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. आरएलजेडी नेता ने कहा कि जातिगत गणना सर्वे रिपोर्ट के साथ सरकार का आर्थिक आंकड़ा नहीं प्रस्तुत करना और सिर्फ जातीय आंकड़ा देना राजनीतिक लाभ लेने की मंशा से किया गया है.

Caste survey