NDA-INDIA के लिए आसान नहीं उपचुनाव, जन-सुराज है बड़ी चुनौती.

सिटी पोस्ट लाइव : पिछले विधान सभा चुनाव में चिराग पासवान के अकेले चुनाव मैदान में उतर जाने से NDA को खासतौर पर JDU को भारी नुकशान हुआ था.लेकिन इसबार NDA एकसाथ है.पहले से ज्यादा मजबूत है.इसबार बीजेपी के साथ JDU, एलजेपी (पासवान) हम पार्टी और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी भी है.लेकिन अगले महीने होनेवाले चार सीटों के उप-चुनाव में टक्कर कांटे को होगी.जिन  चार सीटों (तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज) के लिए उपचुनाव हो रहा है उनमे से तीन सीटें महागठबंधन की हैं और एक सीट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की है. 2024 लोकसभा चुनाव में इन सभी विस सीटों पर NDA प्रत्याशियों की हार हुई है. ऐसे में महागठबंधन से एक भी सीट छीन लेना बीजेपी ,जेडीयू और हम पार्टी के लिए आसान नहीं होगा.

बीजेपी, जेडीयू और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशियों के  सामने बड़ी चुनौती होगी.लेकिन इसबार एक नया दल जन सुराज भी मैदान में है. अब देखना ये है कि क्या जन सुराज के खाते में कोई सीट आयेगी या फिर चिराग पासवान की तरह जन सुराज दुसरे दलों का खेल बिगाड़ देगा.2020 विधानसभा चुनाव एवं 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान चारों सीटों पर NDA प्रत्याशियों की हुई हार-जीत के अंतर की वर्तमान परिस्थिति में तुलनात्मक आकलन करें तो महागठबंधन का पलड़ा भारी दिख रहा है.अबकी बार चार की चार सीटों पर पीके (Prashant Kishor) ने जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) का प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर संघर्ष को त्रिकोणीय अभी से बना दिया है.

 आरा संसदीय क्षेत्र के तरारी विधानसभा सीट (Tarari Seat Byelection) पर जनसुराज पार्टी ने पहले ही सवर्ण समुदाय के (राजपूत) एसके सिंह को पार्टी प्रत्याशी घोषित कर बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है. कारण यह है कि बीजेपी भी इस सीट पर सवर्ण प्रत्याशी देने की मन बना रही है.बीजेपी  की ओर से एक पूर्व विधायक पहले से तैयारी में जुटे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में तरारी विधानसभा सीट पर बीजेपी  प्रत्याशी की 5773 मतों से हार हुई थी. 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी तीसरे पायदान पर चले गए थे. बक्सर संसदीय सीट के अंदर आने वाले रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र (Ramgarh Byelection) में लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी प्रत्याशी पर आरजेडी  ने दस हजार मतों से बढ़त बनाई थी.1985 से इस सीट पर आरजेडी का दबदबा रहा है.आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह व हाल ही में बक्सर से सांसद चुने गए सुधाकर सिंह पिता-पुत्र की इस सीट पर लोकप्रियता के आगे भाजपा के लिए राह आसान नहीं है.

आरजेडी  की ओर से इस बार सुधाकर के भाई को मैदान में उतारने की तैयारी है.बीजेपी भी राजपूत उम्मीदवार उतारकर प्रतिष्ठा बचाने की जुगत में जुटी है. औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले इमामगंज विधानसभा सीट (Imamganj Byelection) पर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी सुशील सिंह की हार हुई थी.इस सीट पर हम के विधायक एवं वर्तमान में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी विधायकी जीतते रहे हैं, लेकिन अबकी बार लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी. 2628 मत से इस सीट पर सुशील की हार बीजेपी के साथ राजग के लिए बड़ा संदेश है.

 यह सीट मांझी के त्यागपत्र देने से रिक्त हुई है। ऐसे में राजग के लिए थोड़ी राहत की बात यह है कि इमामगंज सीट बचाने के लिए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी. गया लोकसभा सीट के बेलागंज विधानसभा क्षेत्र (Belaganj Byelection) पर आरजेडी का दबदबा रहा है. इस विधानसभा सीट से विगत छः विधानसभा चुनाव से आरजेडी  के सुरेंद्र प्रसाद यादव जीत दर्ज करते रहे हैं.2010 विधानसभा चुनाव में जब राजद महज 22 सीट ही जीता था, उस चुनाव में भी सुरेंद्र यादव विजयी रहे थे. इस सीट को लेकर आरजेडी को बहुत ही उम्मीद है। 2024 लोकसभा चुनाव में आरजेडी को इस सीट से हम प्रत्याशी से 2546 वोटों से बढ़त मिली थी.

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